Muni Shri Tarun Sagar: मौत को टाला तो नहीं जा सकता, सुधारा जा सकता है
punjabkesari.in Sunday, Oct 08, 2023 - 09:02 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
गलती का पश्चाताप करें
रात सोने से पहले आज की समीक्षा करें। आज जो ठीक बन पड़ा, उसकी प्रशंसा करें, उसे उपलब्धि मानें और जो गलत हुआ, उसके लिए पश्चाताप करें। आज हुई गलतियों की भरपाई करने के लिए कल के कार्यक्रम में कुछ ऐसे तथ्य जोड़ें, जो खोदे गए गड्ढे को पाटकर समतल कर सकें। मौत को टाला तो नहीं जा सकता, मगर सुधारा तो जा ही सकता है।
दुर्गति में कौन संभालेगा
महावीर वाणी है- ‘‘तू अपनी चिंता कर। दुनिया की चिंता करने के लिए तो दुनिया भरी पड़ी है पर तुझे छोड़कर कोई दूसरा तेरी चिंता करने वाला नहीं है।’’
और आदमी है कि दूसरों की चिन्ता में मरा जा रहा है। मेरे बच्चों का क्या होगा ? बच्चों के बच्चों का क्या होगा ? क्यों भाई ? तेरे बच्चों के बच्चे क्या विकलांग पैदा होंगे?
तू यह चिंता मत कर कि मेरे बाद व्यापार को कौन संभालेगा ? व्यापार तो पत्नी-बच्चे कोई भी संभाल लेगा, तू इस बात की चिन्ता कर कि दुर्गति में तुझे कौन संभालेगा।
जितनी भूख, उतना खाओ
आप आदमी हैं तो भी मेरा सुझाव है कि आप पशु की तरह भोजन करें, आदमी की तरह नहीं। बात कुछ अटपटी है लेकिन मार्मिक है। पशु भी भोजन करता है परन्तु वह जितनी भूख होती है, उतना ही खाता है। लेकिन आदमी भोजन करने बैठता है और मनपसंद चीज सामने आती है तो खाते ही चला जाता है।
जीभ को विवेक ही नहीं है। पेट भरा हो और गर्म-गर्म पकौड़े सामने आ जाएं तो फिर खाने बैठ जाती है। खाने-पीने में विवेक रखिए। मांस-मच्छी खाकर अपने पेट को कब्रिस्तान मत बनाइए। खान-पान की शुद्धि नहीं तो खानदान की शुद्धि काम आने वाली नहीं है।