Muni Shri Tarun Sagar: यदि तुम चाहते हो कि तुम्हें कभी दिल का दौरा न पड़े तो...

punjabkesari.in Sunday, Sep 10, 2023 - 08:59 AM (IST)

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कब्रिस्तान और मंदिर
यदि तुम चाहते हो कि तुम्हें कभी दिल का दौरा न पड़े तो तुम्हारे दिल में दो चीजों का होना जरूरी है। एक तो कब्रिस्तान और दूसरा मंदिर। अपने दिल में एक कब्रिस्तान बनाकर रखिए ताकि जब कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति में कोई दोष या बुराई दिखे तो उसे उस कब्रिस्तान में दफना सको और साथ में दिल में एक मंदिर का होना भी जरूरी है ताकि जब कभी किसी दूसरे में कोई गुण या खूबी दिखे तो उसे वहां से उठाकर अपने मन-मंदिर में उसकी प्राण-प्रतिष्ठा कर सको।

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जीवन का सार चरित्र
फूलों का सार इत्र है। जीवन का सार चरित्र है। जिसने इत्र बटोर लिया, उसने ज्ञान पा लिया और जिसने चरित्र बटोर लिया उसने भेद-विज्ञान पा लिया। फूल अर्थी पर चढ़े तो भी महकता है, मंदिर में चढ़े तो भी महकता है। हमें भी हर हाल में खुश रहना है। फूल की कोई उम्र नहीं होती। सुबह खिलता है, शाम ढलते-ढलते मुरझा जाता है लेकिन एक ही दिन में लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट बिखेर जाता है। हम भी भले थोड़े साल जिएं, मगर फूल की तरह जिएं। हमारा चेहरा और चरित्र कुछ इस तरह हो कि जो भी उसे देखे उसका मुंह मुस्कुराहट से भर जाए।

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संन्यास ले लेना चाहिए
सफेद बाल निवृत्ति के प्रतीक हैं। जब तुम भोजन करने बैठते हो तो अंत में चावल आते हैं। चावल आने का अर्थ है- भोजन पूरा हुआ। अब रसमलाई और मिठाई नहीं आएगी, केवल पानी आएगा।

अत: अब पानी पीकर और हाथ-मुंह धोकर उठ जाना है। इस प्रकार जब तुम्हारे मस्तिष्क रूपी थाली में सफेद बाल रूपी चावल परोस दिए गए हों तो संसार से हाथ जोड़कर संन्यास ले लेना चाहिए।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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