382 वर्ष बाद मौनी अमावस्या पर बना रहा है षष्ठग्रही योग, जानें कैसा होगा इसका प्रभाव

punjabkesari.in Wednesday, Feb 10, 2021 - 01:41 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
धार्मिक मान्यताएं हैं कि जब भी कोई पर्व त्यौहार आता है तो उनके साथ उस दिन का महत्व बढ़ जाता है। तो वहीं अगर इन दिनों के साथ ग्रहों के योग जुड़ जाएं तो ये दिवल और भी खास बन जाते हैं। क्योंकि कहा जाता है कि ग्रह नक्षत्र भी मानव जीवन पर अपना बहुत प्रभाव डालते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि भला हम आपको ये सब क्यों बता रहे हैं तो बता दें हम आपको ये सब इसलिए बता रहे हैं कि क्योंकि इस बार पड़ रही मौनी अमावस्या पर ग्रह का योग इस दिन को और खास बना रहे हैं। जी हां, ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है कि माघ मास की पुण्यदायिनी मोक्षदायिनी मौनी अमावस्या पर श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा और 6 ग्रह मकर राशि में होने से महायोग बन रहा, जिसे महोदय कहा जा रहा है।

ज्योतिष विद्वान बताते हैं कि इस बार की मौनी अमावस्या पर लगभग 382 वर्ष के बाद षष्ठी ग्रह का योग बन रहा है, जिससे ये खास योग बन रहा है। इसके अलावा बताया जाता है 26 जनवरी, 1637 मौनी अमावस्या के दिन शनि का मकर में से प्रवेश हुआ था।

मौनी अमावस्या इस बार 11 फरवरी को है। इस दिन भगवान विष्णु को तिल और दीप का दान अत्यंत शुभ फलदायी कहा गया है।

इसलिए है महत्वपूर्ण ये अमावस्या-
ज्योतिष शास्त्रियों का कहा है कि माघ माह की यह अमावस्या इस बार इसलिए खास है, क्योंकि अमावस्या के अधिपति देवता स्वयं शनि हैं। जो भी व्यक्ति इस दिन दान-पुण्य करता है उसे इसका कई गुना फल प्राप्त होता है। माना जाता है एक तरफ़ अमावस्या का दिन हो और शनि मकर राशि में हो तो वृद्ध और रोगियों की सेवा करना शुभ फलदायी साबित होता है।

माघ मास में आने वाली अमावस्या कहलाती है मौनी अमावस्या-
माघ के महीने में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताएं के अनुसार इस दिन मौन व्रत रखने से और मुख से कटु शब्द न निकलने से जातक को मुनि पद की प्राप्ति होती है।


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Content Writer

Jyoti

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