मासिक शिवरात्रि: इस आसान विधि से कर सकते हैं अपने महादेव को प्रसन्न

punjabkesari.in Sunday, Aug 16, 2020 - 06:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आज 15 अगस्त को, प्रदोष व्रत के बाद अब कल यानि 17 अगस्त को मासिक शिवरात्रि का व्रत मनाया जाएगा। अधिकतर लोगों को ये पता है कि महाशिवरात्रि का पर्व ही शिव जी की कृपा के लिए खास है। मगर बता दें प्रत्येक मास में आने वाली मासिक शिवरात्रि भी अधिक खास होती है। इस दौरा भी शिव जी का पूजन करना लाभदायक होता है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, मासिक शिवरात्रि के हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है। चलिए जानते हैं इस दिन भगवान शिव की पूजा कैसे करना चाहिए। साथ ही जानते हैं इससे जुड़ी पौराणिक कथा-
PunjabKesari, Masik Shivratri 2020, Masik Shivratri, मासिक शिवरात्रि, शिवरात्रि, Bhadrapad Masik Shivrati, Shiv Pujan, Shiv Worship, Shiv Mantra, Hindu Vrat or Tyohar, Fast and Festival
पूजा विधि-
इस दिन सूर्यादय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद सबसे पहले घर के मंदिर के साथ-साथ घर के अन्य स्थलों पर भी दीप जलाएं।

भगवान शिव की पूजा से पहले इनके पुत्र व सर्वप्रथम देव गणेश भगवान की पूजा करें। 

फिर घर के शिवलिंग में या मंदिर से स्थापित शिवलिंग का गंगा जल से अभिषेक करें। 

बता दें अगर इस घर में गंगा जल न हो तो, साधारण स्वच्छ जल से भी भोले बाबा का अभिषेक कर सकते हैं।
PunjabKesari, PunjabKesari, Masik Shivratri 2020, Masik Shivratri, मासिक शिवरात्रि, शिवरात्रि, Bhadrapad Masik Shivrati, Shiv Pujan, Shiv Worship, Shiv Mantra, Hindu Vrat or Tyohar, Fast and Festival
इसके बाद शिवलिंग के समक्ष बैठकर शिव जी का ध्यान करें तथा उनके मंत्रों का उच्चारण करें। 

इसके बाद शिव जी का आरती करें, ध्यान रहें शिव जी के बाद देवी पार्वती की भी आरती करें। 

अपनी क्षमता इस दिन अपनी इच्छानुसार भगवान शंकर को भोग लगाएं। ध्यान रहे इस दिन भगवान को सात्विक आहार का ही भोग लगाएं। भोग में कुछ मीठा भी  ज़रूर शामिल करें।
PunjabKesari, Masik Shivratri 2020, Masik Shivratri, मासिक शिवरात्रि, शिवरात्रि, Bhadrapad Masik Shivrati, Shiv Pujan, Shiv Worship, Shiv Mantra, Hindu Vrat or Tyohar, Fast and Festival
शिवरात्रि व्रत कथा
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव महाशिवरात्रि के दिन मध्य रात्रि के समय शिव लिंग के रूप में प्रकट हुए थे। जिसके उपरांत सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु ने उनकी पूजा की थी। 

ऐसा कहा जाता है उस दिन से लेकर आज तक इस दिन को भगवान शिव के जन्म दिवस के रूप में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। और यही कारण है इस दिन शिव पूजन का खास महत्व होता है।  बता दें कई धार्मिक पुराणों व ग्रंथों में शिवरात्रि व्रत का ज़िक्र किया गया है। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News