Margashirsha Purnima 2020: चंद्रमा देते हैं इस दिन शुभ प्रभाव, जानें क्या है इस तिथि का महत्व

punjabkesari.in Wednesday, Dec 30, 2020 - 11:06 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सनातन धर्म के अनुसार हर मास में आने वाली प्रत्येक पूर्णिमा तिथि का खासा महत्व है। इन्हीं में से एक पूर्णिमा तिथि मार्गशीर्ष मास में मनाई जाती है, जिसे अगहन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताएं हैं कि कार्तिक मास की तरह श्री कृष्ण भगवान को अगहन यानि मार्गशीर्ष का मास अधिक प्रिय है। बल्कि कुछ किंवदंतियों के मुताबिक तो मार्गशीर्ष मास श्री कृष्ण का स्वरूप है। जाहिर सी बात जिस मास का इतना महत्व होगा, तो उस मास का प्रत्येक दिन भी अपने आप में पावन होगा। बात करें इस मास की पूर्णिमा तिथि की तो कहा जाता है कि इस पूर्णिमा पर दान, स्नान, पूजा-पाठ आदि करने वाले व्यक्ति को सीधा मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही कारण है इस दिन लोग श्रद्धा विश्वास से इस दिन दौरान पूजा अर्चना करते हैं तथा इस दिन का लाभ पाते हैं। 
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तो आइए जानते हैं विस्तार से क्या है इस दिन का शुभ मुहूर्त व महत्व-

पूर्णिमा तिथि- 
मार्गशीर्ष पूर्णिमा प्रारंभ- 29 दिसंबर 2020 को 07 बजकर 55 मिनट से 
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 30 दिसंबर 2020 को 08 बजकर 59 मिनट तक
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महत्व
सनातन धर्म की दृष्टि से देखा जाए तो प्रत्येक पूर्णिमा तिथि का संबंध चंद्रमा से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्णत्व स्थिति में होता है। बता दें पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास के शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा तिथि कहा जाता है। उत्तर भारत में इसे पूर्णमासी भी कहा जाता है। 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य और चंद्रमा समसप्तक अवस्था में होते हैं। कहा जाता है मानव व उसके जीवन पर इस दिन चंद्रमा का प्रभाव  सबसे अधिक होता है। धार्मिक व ज्योतिष शास्त्रों में चंद्रमा को मन का कारक माना गय। इसलिए इस दिन लोग मानसिक शांति के लिए कई तरह के उपाय भी करते हैं। इससे कुंडली में चंद्रमा की स्थिति शुभ होती है, साथ ही इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा पढ़ने और सुनने का भी विधान होता है। 

इस दिन ज़रूर करें ये उपाय-
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन सत्यनारायण की कथा सुनने से सबसे अत्यंत लाभ प्राप्त होता है। बल्कि कहा जाता है संभव हो तो जातक को इस दिन अपने घर में सत्यनारायण की कथा का आयोजन करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सुख शांति आती है। 
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इसके अलावा इस दिन शाम के समय चंद्रमा को जल का अर्घ्य ज़रूर देना चाहिए।   
 


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Jyoti

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