Varah Jayanti: इस शुभ मुहूर्त में करें वराह जयंती की पूजा, घर-परिवार पर हुए तांत्रिक प्रयोगों का होगा अंत
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 02:40 PM (IST)

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Varah Jayanti 2025: 25 अगस्त 2025 सोमवार को भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीय तिथि को भगवान विष्णु के तीसरे अवतार वराह की जयंती है। वराह जयंती पर व्रत और पूजा करने से घर-परिवार की सभी बुरी शक्तियों का अंत होता है। तांत्रिक प्रयोगों का असर खत्म होता है।
Varah Jayanti auspicious time वराह जयंती शुभ मुहूर्त
वराह जयंती को धर्म, न्याय और साहस की विजय का प्रतीक कहा गया है। तृतीया तिथि का आरंभ 25 अगस्त को दोपहर 12:35 बजे से होगा। जो 26 अगस्त की दोपहर 1:54 बजे तक रहेगा। पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:40 बजे से शाम 4:15 बजे तक है।
Worship method of Varah Jayanti वराह जयंती की पूजा विधि
प्रातः स्नान और संकल्प – सूर्योदय से पूर्व स्नान करें, पीले या लाल वस्त्र धारण करें और संकल्प लें – “मैं भगवान वराह की आराधना कर धर्म, स्थिरता और परिवार की सुरक्षा हेतु पूजा कर रहा/रही हूं।”
कलश स्थापना – एक स्वच्छ स्थान पर पीला वस्त्र बिछाकर कलश स्थापित करें। उस पर नारियल और आम्रपल्लव रखें।
भगवान वराह की प्रतिमा/चित्र – यदि प्रतिमा उपलब्ध न हो तो विष्णु भगवान का चित्र रखें और उन्हें वराह रूप में ध्यान करें।
Varah Jayanti Panchopchar Puja वराह जयंती पंचोपचार पूजा
अक्षत (चावल) अर्पित करें। फूल चढ़ाएं, विशेषकर लाल या पीले पुष्प। धूप/दीप जलाएं। सुगंधित जल से आचमन कराएं। नैवेद्य में गुड़ और तिल से बने लड्डू या अपनी श्रद्धा अनुसार भोग लगाएं।
Varaha mantra- वराह जयंती पर 11, 21 या 108 बार विशेष मंत्र का जप करें- ॐ वराहाय नमः
पृथ्वी माता की वंदना करें। एक मिट्टी का छोटा पात्र लें और उसमें जल व पुष्प अर्पित करें, यह प्रतीकात्मक रूप से पृथ्वी माता की पूजा होगी।
भू देवी की आरती करने के बाद प्रार्थना करें। दीपक घुमाकर भगवान वराह से प्रार्थना करें कि जैसे आपने पृथ्वी की रक्षा की, वैसे ही मेरे जीवन और परिवार की रक्षा करें।
शाम के समय दीपदान अवश्य करें। दीपक को भूमि पर रखकर ही जलाएं। यह प्रतीक है कि धरती की ऊर्जा और वराह शक्ति सीधा आपके जीवन में स्थिरता लाए।