मां चंद्रघंटा का कल्याणकारी मंत्र, समस्त पाप और बाधाअों से दिलाता है मुक्ति
punjabkesari.in Sunday, Jan 29, 2017 - 11:25 AM (IST)

नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन किया जाता है। नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां के पूजन से भय का नाश अौर साहस की प्राप्ति होती है। नवरात्रि में मां चंद्रघंटा का मंत्र बहुत ही कलयाणकारी माना गया है।
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। चंद्रघंटा को शांतिदायक और कल्याणकारी माना जाता है। मां का ध्यान करने से व्यक्ति को लोक और परलोक दोनों में सद्गति की प्राप्ति होती है। मां के माथे पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है इसलिए इन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। माता चंद्रघंटा का शरीर स्वर्ण के समान उज्ज्वल है, इनके दस हाथ हैं। दसों हाथों में खड्ग, बाण आदि शस्त्र सुशोभित रहते हैं। इनका वाहन सिंह है।
मां चन्द्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएं खत्म हो जाती हैं। इनकी अराधना फलदायी है। माना जाता है कि मां चंद्रघंटा भक्तों के कष्ट का निवारण शीघ्र कर देती हैं। मां चंद्रघंटा की आराधना से साधक में वीरता-निर्भरता के साथ ही सौम्यता एवं विनम्रता का विकास होता है। साथ ही स्वर में दिव्य, अलौकिक, माधुर्य का समावेश हो जाता है। मां चन्द्रघंटा के साधक और उपासक जहां भी जाते हैं लोग उन्हें देखकर शान्ति और सुख का अनुभव करते हैं। मां चंद्रघंटा की अराधना विधि-विधान के अनुसार करने से साधक समस्त सांसारिक कष्टों से विमुक्त होकर सहज ही परमपद के अधिकारी बन सकते हैं। मां चंद्रघंटा की कृपा से व्यक्ति की सारी बाधाएं हट जाती हैं।