Gupt Navratri: गुप्त नवरात्रि में गुप्त रूप से करें ये काम, जीवन की हर गुप्त बाधा का होगा नाश
punjabkesari.in Wednesday, Jun 18, 2025 - 02:02 PM (IST)

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Gupt Navratri 2025: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि हिन्दू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण और रहस्यमयी पर्व है, जो वर्ष में दो बार आने वाली गुप्त नवरात्रियों में से एक है। यह विशेष रूप से तंत्र-साधना, शक्ति उपासना और गोपनीय पूजा-पाठ के लिए जाना जाता है। यह नवरात्रि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवमी तक मनाई जाती है (जो अक्सर जून-जुलाई में आती है)। इसे गुप्त इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह आम नवरात्रि की तरह धूमधाम से नहीं मनाई जाती, बल्कि तांत्रिक, साधक और गुप्त रूप से शक्ति साधना करने वाले लोग इसे विशेष मानते हैं। यह गुप्त नवरात्रि मुख्यतः तंत्र-मंत्र, देवी सिद्धि और आत्मबल बढ़ाने के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है।
Method of worship of Ashadh Gupta Navratri आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि
प्रतिपदा तिथि पर यानी पहले दिन घर को शुद्ध करें और एक साफ स्थान पर कलश स्थापना करें।
देवी दुर्गा की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
घट स्थापना के साथ ही जवारे बोएं (कुश या मिट्टी में जौ डालें)।
Do this work in daily worship for 9 days 9 दिन तक नित्य पूजा में करें ये काम
दीपक जलाएं, गंध, फूल, अक्षत, दुर्गा सप्तशती पाठ या नवदुर्गा मंत्रों का जाप करें।
हर दिन एक विशेष देवी की पूजा करें (नवदुर्गा के क्रम में)।
देवी के विशेष बीज मंत्र का जाप करें।
Navdurga Mantra नवदुर्गा मंत्र: ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
Beej Mantra of the Goddess देवी का बीज मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे
Do this work on Navami, the last day of Gupt Navratri गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन नवमी पर करें ये काम
देवी दुर्गा के मंदिर में दर्शन करने जाएं और उन्हें सुहाग का सामान चढ़ाएं।
कन्या पूजन (9 कन्याओं को भोजन कराएं)।
हवन, पूजा और साधना की समाप्ति करें।