Manikarnika Snan: कार्तिक चतुर्दशी पर मोक्ष प्राप्ति के लिए इस विधि से किया जाता है मणिकर्णिका स्नान
punjabkesari.in Monday, Nov 03, 2025 - 05:01 PM (IST)
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Significance of Manikarnika Snan मणिकर्णिका स्नान का महत्व: कार्तिक मास को हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीना कहा गया है। इस माह में किए गए दान, स्नान और पूजा का सहस्रगुणा फल मिलता है। इसी मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मणिकर्णिका स्नान का विशेष योग बनता है। यह पवित्र स्नान वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर किया जाता है, जिसे मोक्षदायिनी गंगा का द्वार कहा गया है। मान्यता है कि इस दिन मणिकर्णिका घाट पर स्नान करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति, आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Rituals of Manikarnika Snan मणिकर्णिका स्नान की विधि
स्नान से पूर्व संकल्प:
स्नान से पहले गंगा मैया का ध्यान करें और यह संकल्प लें, “मैं अपने सभी पापों से मुक्त होकर पवित्र जीवन जीऊं।”
गंगा स्नान के दौरान:
कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी के दिन गंगा जल में डुबकी लगाते समय भगवान शिव और मां गंगा का ध्यान करें।
पूजन विधि:
स्नान के बाद मणिकर्णिका घाट पर स्थित शिवलिंग का जल, दूध, पुष्प और बिल्वपत्र से अभिषेक करें।
दान का महत्व:
स्नान उपरांत अन्न, वस्त्र, दीपदान और स्वर्ण दान करना अत्यंत शुभ माना गया है। इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति और साधक को अक्षय पुण्य प्राप्त होता है।
Benefits of Manikarnika Snan मणिकर्णिका स्नान के लाभ
सभी पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।
कुल के पितरों की मुक्ति होती है।
भगवान शिव और मां गंगा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
बैकुंठ चतुर्दशी के दिन किया गया स्नान अतुलनीय पुण्य प्रदान करता है।
