बच्चे के जन्म के बाद क्यों रखा जाता है घर में सूतक? जानिए इसके पीछे का कारण
punjabkesari.in Saturday, Nov 08, 2025 - 12:09 PM (IST)
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Hindu Sutak Period: हिंदू धर्म में जन्म और मृत्यु से जुड़े रीति-रिवाज बहुत प्राचीन हैं। उनमें से एक है ‘सूतक’। बच्चों के जन्म के बाद कुछ दिन घर को अशुद्ध माना जाता है। हिंदू धर्म में बच्चे के जन्म के बाद घर को कुछ समय के लिए ‘अशुद्ध’ माना जाता है। इसे सूतक कहा जाता है। यह मान्यता कई पीढ़ियों से चली आ रही है और इसका उद्देश्य केवल धार्मिक नियमों का पालन ही नहीं बल्कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखना है। आइए जानते हैं बच्चे के जन्म के बाद सूतक क्यों लगता है और इसका असली मतलब क्या है।

सूतक क्या है?
सूतक एक पवित्र-अशुद्धता का काल माना जाता है, जो किसी नये जीवन या मृत्यु की स्थिति में घर और परिवार पर असर डालता है। जन्म या मृत्यु के समय यह अवधि लगाई जाती है। हिंदू मान्यता के अनुसार, यह समय घर के वातावरण को शुद्ध करने और परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रखा जाता है।

जन्म के बाद घर अशुद्ध क्यों माना जाता है?
जब कोई बच्चा जन्म लेता है, तो घर में नई ऊर्जा प्रवेश करती है। इस समय, शास्त्रों के अनुसार, घर की वायु और वातावरण अस्थिर हो जाता है। इसे ‘अशुद्ध’ कहा जाता है, ताकि मां और बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, नकारात्मक ऊर्जा या बुरी नजर से उन्हें बचाया जा सके और परिवार को नए जीवन के लिए तैयार किया जा सके।
कितने दिन तक चलता है सूतक?
सूतक की अवधि बच्चे के जन्म पर आमतौर पर 10 दिन (कई जगह 12 दिन) की होती है। इस दौरान माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को कुछ विशेष नियमों का पालन करना होता है। उदाहरण के लिए, घर में धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते, नए मेहमानों को आमंत्रित नहीं किया जाता, और विशेष रूप से माता को आराम करने की सलाह दी जाती है।

