Margashirsha food benefits: मार्गशीर्ष मास में इन 5 चीजों का सेवन करने वाला शरीर से स्वस्थ, मन से शांत और आत्मा से प्रसन्न रहता है
punjabkesari.in Friday, Nov 07, 2025 - 06:30 AM (IST)
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Margashirsha month diet: शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति इस महीने में शुद्ध, सात्त्विक और विशिष्ट खाद्य पदार्थों का सेवन करता है, उसे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। जो व्यक्ति मार्गशीर्ष मास में तिल, दूध-घी, मूंग दाल, तुलसी और गुड़ जैसे सात्त्विक पदार्थों का सेवन करता है, वह शरीर से स्वस्थ, मन से शांत और आत्मा से प्रसन्न रहता है।

शास्त्रों में कहा गया है, “सात्त्विक आहारः मनः शुद्धये कारणम्।”
अर्थात- सात्त्विक भोजन मन की शुद्धि का आधार है इसलिए इस मास में इन 5 पदार्थों का सेवन भगवान विष्णु की कृपा और जीवन में दिव्य समृद्धि का मार्ग खोल देता है।

Sesame Seeds तिल
मार्गशीर्ष मास में तिल का सेवन और दान दोनों अत्यंत शुभ माने गए हैं। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि तिल से बने खाद्य पदार्थ खाने से पाप नष्ट होते हैं और आत्मा पवित्र होती है। वैज्ञानिक दृष्टि से तिल में कैल्शियम, आयरन और ओमेगा फैटी एसिड होते हैं, जो ठंड के मौसम में शरीर को गर्म और रोगमुक्त रखते हैं। इस माह में तिल के लड्डू या तिल गुड़ का सेवन अत्यंत पुण्यदायी माना गया है।

दूध और घी
पद्म पुराण में कहा गया है कि भगवान विष्णु को शुद्ध घी और दूध से बनी वस्तुएं अर्पित करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं। दूध सात्त्विक आहार का मुख्य अंग है। यह मन को शांत, बुद्धि को तेज और शरीर को स्थिर रखता है। वैज्ञानिक दृष्टि से दूध और घी में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन ए होता है जो ठंड में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

खिचड़ी या मूंग दाल
मार्गशीर्ष मास में मूंग दाल की खिचड़ी को भगवान विष्णु का प्रिय भोग माना गया है। यह भोजन हल्का, पाचक और संतुलित है।
शास्त्रों में इसे भोग्य अन्न कहा गया है। जो शरीर और आत्मा दोनों को संतुष्ट करता है। आयुर्वेद के अनुसार, मूंग दाल वात-पित्त-कफ तीनों दोषों को संतुलित करती है, जिससे ध्यान और भक्ति में एकाग्रता बढ़ती है।

तुलसी पत्ता
भगवान विष्णु की पूजा बिना तुलसी के अधूरी मानी गई है। मार्गशीर्ष मास में प्रतिदिन तुलसी पत्ता सेवन और तुलसी जल पीना पवित्र कर्म माना गया है। तुलसी में औषधीय गुण जैसे एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और डिटॉक्सिफिकेशन क्षमता होती है।
शास्त्रों में कहा गया है, “तुलसी पत्रं बिना यज्ञो, विष्णोः पूजनमर्थकम्।”
अर्थात- तुलसी के बिना विष्णु पूजन निष्फल है।

गुड़
मार्गशीर्ष मास में गुड़ का सेवन शुभ माना गया है क्योंकि यह मधुर रस का प्रतीक है, जो जीवन में मिठास और सौभाग्य लाता है।
शास्त्रों में गुड़ को लक्ष्मीप्रद और विष्णुप्रिय कहा गया है। यह पाचन में सहायक और ठंड में ऊर्जा देने वाला प्राकृतिक आहार है।
गुड़ के साथ तिल या मूंग दाल का सेवन इस माह में विशेष पुण्यफल देता है।
