Mandir Curtains Rules: रात के समय मंदिर में क्यों किया जाता है पर्दा? जानें, क्या है वजह
punjabkesari.in Monday, Sep 15, 2025 - 06:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Mandir Curtains Rules: घर का पूजा घर हो या फिर मंदिर, भगवान की पूजा के खास नियम होते हैं। पूजा का एक समय तय होता है जिस दौरान विधि-विधान से देवी देवताओं की आराधना की जाती है। इसके साथ ही अक्सर आपने देखा होगा की पूजा के बाद एक वक्त ऐसा भी होता है जब मंदिर में पर्दा लगा दिया जाता है। मंदिर में रोज सुबह और शाम की पूजा के बाद पट बंद कर दिए जाते हैं और रात के वक्त पर्दा डाल दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं रात के समय पूजा घर या मंदिर में पर्दा क्यों किया जाता है। तो आइए जानते हैं कि मंदिरों में संध्या आरती के बाद कपाट बंद क्यों कर दिए जाते हैं और रात के समय पूजा घर में पर्दा क्यों लगाया जाता है।
अक्सर लोग इस बात को लेकर संशय में रहते हैं कि रात के वक्त मंदिर में पर्दा क्यों डाल दिया जाता है। दरअसल शास्त्रों के अनुसार, जिस तरह मंदिर में जाते समय हम भगवान के सम्मान में अपना सिर ढकते हैं, उसी तरह घर में बने मंदिर में भी हम पूजा के हर नियम का पालन करते हुए, भगवान की आरती, उनका भोग और उनके विश्राम का अच्छी तरह से ध्यान रखते हैं। इन नियमों का पालन करना भगवान के प्रति हमारी श्रद्धा और हमारे मन में उनके लिए सम्मान दर्शाता है। यह साक्ष्य है कि हम पूजा के सभी नियमों का बखूबी पालन कर रहे हैं, तो वहीं, हम गृहस्थ जीवन भी जीते हैं, ऐसे में रात के समय पर्दा लगाना की अच्छा रहता है।
इसके अलावा जिस तरह धरती पर सुबह शाम और रात होती है, उसी प्रकार भगवान पहर के अनुसार दिन में भ्रमण और रात में विश्राम करते हैं। चूंकि रात का वक्त भगवान के विश्राम का होता है, इसलिए मंदिर और पूजा घर में रात को वक्त पर्दा डाल दिया जाता है।
मंदिर का पर्दा रात भर पड़ा रहने के बाद सुबह उठकर खोला जाता है लेकिन इसके भी कुछ नियम हैं। सुबह घर के सदस्यों को स्नान आदि करने के बाद शुद्ध होकर ही मंदिर का पर्दा उठाना चाहिए। मंदिर का पर्दा उठाकर भगवान को स्नान आदि करवा कर पूजा करनी चाहिए। मंदिर के पर्दे बहुत ज्यादा गहरे रंग के नहीं होने चाहिए। आप मंदिर का पर्दा, हल्का पीला, क्रीम रंग का, गुलाबी या हल्का लाल रखना चाहिए। नीला, काला, बैंगनी रंग का पर्दा मंदिर के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है।