Makar Sankranti: 14 या 15 जनवरी कब है मकर संक्रांति, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
punjabkesari.in Tuesday, Dec 10, 2024 - 06:37 AM (IST)
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Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह नए साल का पहला पर्व होता है। इस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस रोज खासतौर पर सूर्य देव की पूजा की जाती है। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान करने का भी विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने और किसी पवित्र नदी में स्नान करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। यह त्योहार नई फसल के आगमन का भी प्रतीक है। माना जाता है इस दिन सूर्य देव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से जीवन में आने वाली हर समस्या से छुटकारा मिलता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली बनी रहती है। इस साल मकर संक्रांति की तिथि को लेकर बहुत कन्फ्यूजन बनी हुई है तो आइए जानते हैं मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त के बारे में-
Makar Sankranti 2025 Date मकर संक्रांति तिथि 2025
पंचांग के अनुसार, साल 2025 में मकर संक्रांति 14 जनवरी दिन मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्यदेव सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे।
Auspicious time of Makar Sankranti मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति पुण्य काल - सुबह 07 बजकर 33 मिनट से शाम 06 बजकर 56 मिनट तक
मकर संक्रांति महा पुण्य काल - सुबह 07 बजकर 33 मिनट से सुबह 09 बजकर 45 मिनट तक
मकर संक्रांति का समय - सुबह 07 बजकर 33 मिनट तक
मकर संक्रांति पर करें ये पूजा
मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का खास महत्व है। लोग इस दिन पवित्र स्थानों पर स्नान कर सूर्य देव को अर्ध्य देते हैं। जो लोग मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान और दान करते हैं, उन्हें सामान्य दिनों से कई गुना अधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। ज्योतिषशास्त्र में सूर्य को राजपक्ष अर्थात सरकारी क्षेत्र एवं अधिकारियों का कारक ग्रह बताया गया है। व्यक्ति कि कुंडली में सूर्य बलवान होने से उसे सरकारी क्षेत्र में सफलता एवं अधिकारियों से सहयोग मिलता है। करियर एवं सामाजिक प्रतिष्ठा में उन्नति के लिए भी सूर्य की अनुकूलता अनिवार्य मानी गई है।
सूर्य मंत्र- इस मंत्र जाप से आप भगवान सूर्य की अपार कृपा पा सकते हैं- ॐ घृणि: सूर्याय नम: