Mahavir Jayanti 2025- जन्मे महावीर, मां त्रिशला के बधाई गीत गाए

punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 11:12 AM (IST)

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ग्वालियर-ः जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर 1008 भगवान महावीर स्वामी के जन्म कल्याणक जन्मोत्सव पर महावीर जंयती महोत्सव समिति एवं अखिल जैन समाज वृहत्तर ग्वालियर के तत्वाधान ने गुरुवार को मुनि श्री सौम्य सागर जी महाराज ओर मुनि श्री निश्चल सागर जी महाराज ससंघ के सानिध्य में ऐतिहासिक देव, शास्त्र, गुरू की विशाल रथयात्रा गाजे-बाजे के साथ नया बाजार स्थित दिगंबर जैन मन्दिर से निकाली गई। यह रथयात्रा शहर के मुरार, उपनगर किलागेट व लश्कर की सम्पूर्ण सकल जैन समाज रथयात्रा सम्मिलित होकर उमड़ पड़ी। यह रथ यात्रा नया बाजार से चलकर 4 घंटे के उपरांत कार्यक्रम स्थल चंपा बाग बगीची पहुंची।

जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि देव शास्त्र, गुरू की विशाल रथयात्रा मुनि श्री सौम्य सागर महाराज और मुनि श्री निश्चल सागर महाराज के सानिध्य में गाजे-बाजे के साथ नया बाजार दिगंबर जैन मंदिर से प्रारंभ हुई। इस रथ यात्रा में सबसे आगे युवा जैन ध्वजा लेकर चल रहे थे। वही बैंड की धुन पर भजन, बाजे, कुंडल पुर में बधाई की नगरी में वीरा जन्मे महावीर, त्रिशला के लल्ला को नजर नही लगा जाए, खुशी से झूमे रहे हैं वीरा के दीवाने जैसे भजनों पर युवक और युवतियां जमकर नृत्य कर रहे थे। मुनिश्री सौम्य सागर महाराज ससंघ सभी भक्तों को आशीर्वाद देते हुए चल रहे थे। वही आचार्य विद्या प्रावधान जयघोष बैंड के साथ सबसे पीछे रथ में हाथी के ऊपर विराजित मां जिनवाणी और अहिंसा के अवतार भगवान महावीर की प्रतिमा विराजमान थी। यह रथयात्रा नया बाजार से शुरू होकर हुजरात रोड, दौलतगंज, पाटनकर चौराहा, राम मंदिर, गस्त का ताजिया, डीडवाना ओली, सराफा बाजार, जीवाजी चौक, माधोगंज, स्काउट, बाड़ा, दाना ओली से होती हुई कार्यकम स्थल नई सड़क स्थित चंपाबाग बगीची पहुंची।

मुनिश्री के सानिध्य ने हुआ भगवान महावीर स्वामी का कलशों अभिषेक, गूंजे जयकारे
कार्यक्रम स्थल पर मुनिश्री सौम्य सागर महाराज ओर मुनिश्री निश्चल सागर महाराज के सानिध्य में धर्मसभा का शुभारंभ डॉ.वीरेंद्र गंगवाल, अजीत वरैया, मुख्य संयोजक चक्रेश जैन ओर बीत संयोजक पंकज बाकलीवाल ने किया। मुनिश्री सौम्य सागर महाराज के चरणों का पद प्रक्षालन निर्मल कुमार चौधरी ने किया। वही शास्त्र भेंट प्रियंका जैन गुड़गांव और निर्मल जैन परिवार ने किए। वही  पं0 चन्द्र प्रकाश जैन के मार्ग दर्शन में भगवान महावीर का अभिषेक विजय जैन लक्की जैन परिवार ने किया। वहीं भक्तजनों ने भगवान महावीर स्वामी की दीपकों से आरती उतारी। मुनि श्री के चरणों में श्री फल भेंट महोत्सव समिति के डॉ वीरेंद्र गंगवाल, प्रतिष्ठाचार्य अजीत कुमार शास्त्री, अजित वरैया, बालचंद्र जैन राजेन्द्र जैन, मुख्य संयोजक चक्रेश जैन, वित्त संयोजक पंकज बाकलीवाल, विनय कासलीवाल, प्रवीण गंगवाल, प्रमोद टोंग्या, प्रियांक सोनी, निर्मल पाटनी, पुरुषोत्तम जैन, पंकज छाबड़ा एवं मुरार, उपनगर सहित मुनि श्री के चरणों में श्री फल चरण भेंट कर मंगल आशीर्वाद लिया। संचालन प्रवीण जैन ओर विनय कासलीवाल एवं आभार मुख्य संयोजक चक्रेश जैन ने किया।                        

जैन संस्थाओं की महिलाओं ने रास्ते भर किया गरबा डांडिया नृत्य
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन ने बताया कि रथयात्रा में जैन समाज की विभिन्न शाखाओं की महिलाएं व बालिकाएं अलग-अलग रंग-बिरंगे ड्रेस कोड के परिधानों में भक्ति गरबा डांडिया नृत्य कर रही थी। वही महिलाएं हाथों में भगवान महावीर के संदेश लिखी तख्तियों से दे रही थी।

इन मंदिर समिति व संस्थाओं ने किया स्वागत
जिन मुख्य मार्गों से रथ यात्रा गूजरी वही जैन समाज और संस्थाओं ने जगह-जगह स्वागत मंच तैयार कर प्रतिष्ठानों एवं घर के द्वारे पर भव्य रंगोली बनकर रथ की आगवानी के साथ मुनिश्री सौम्य सागर महाराज ससंघ के चरणों का जल से पद प्रक्षालन कर भगवान महावीर की भव्य आरती उतारी। रथयात्रा स्वागत के लिए श्रद्धालुओं ने जगह-जगह स्वल्पाहार, ठंडाई, फल, शीतल पेय जल की स्टाॅल लगाकर पुष्प वर्षा कर आत्मिक स्वागत किया।

पूरे देश में अहिंसा से बढ़कर कोई धर्म नही-ः मुनि श्री
मुनि श्री सौम्य सागर महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि महावीर जयंती एक दिन की नहीं 300 सौ 65 दिन हमे मनाना चाहिए। मैंने सुना था ग्वालियर की महावीर जयंती कुछ अनोखी होती है लेकिन आज में कहना चाहूंगा यह की ग्वालियर की महावीर जयंती अभूतपूर्व के साथ बनाई जाती है। आज पूरा का पूरा ग्वालियर भगवान महावीर स्वामी के रंग में रंगा रंगीन नजर आ रहा था। उन्होंने कहा कि अहिंसा भारत की आत्मा है। विश्व प्रेम और विश्वशांति की धूरी है। पूरे देश में अहिंसा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। हिंसा से बढ़ाकर कोई पाप नहीं है। एक अहिंसा से जुड़ना धर्म के समस्त पहलुओं से जुड़ जाना है। वही शाम को गुरु भक्त में काफी संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद थे।


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Content Writer

Niyati Bhandari

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