Mahashivratri: महाशिवरात्रि की रात ही क्यों होती है शिव पूजा, जानें ऐसा करने से कौन से पुण्य होते हैं जागृत ?

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2025 - 07:46 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि की रात भगवान शिव की पूजा का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक रूप से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह एक गहरा अनुभव है।  इस रात की पूजा से जुड़े कई गहरे और अदृश्य फल होते हैं। महाशिवरात्रि केवल एक साधारण पूजा का दिन नहीं है, यह आत्म-साक्षात्कार और जीवन के गहरे रहस्यों को जानने का अवसर है। इस रात में साधक अपनी आध्यात्मिक उन्नति को महसूस करता है, और उसे जीवन के गहरे रहस्यों को जानने का अवसर मिलता है। शिव की पूजा से प्राप्त होने वाला अनंत आशीर्वाद व्यक्ति के जीवन में न केवल सांसारिक सुख, बल्कि आध्यात्मिक शांति भी लाता है, जो उसे मुक्ति की ओर मार्गदर्शन करता है।

PunjabKesari mahashivratri

Mysterious significance of Mahashivaratri worship महाशिवरात्रि की पूजा का गूढ़ महत्व:
आध्यात्मिक उन्नति और आत्मज्ञान:

महाशिवरात्रि के दिन जब सारी सृष्टि निद्रा में होती है, भगवान शिव की पूजा से व्यक्ति अपने आध्यात्मिक जागरण की ओर कदम बढ़ाता है। इस दिन साधक शिव के रूप में अद्वितीय ऊर्जा का अनुभव करता है और उसकी आत्मिक पवित्रता में वृद्धि होती है। यह रात साधक के भीतर गहरी मानसिक शांति और समाधि की स्थिति को उत्पन्न करने के लिए उपयुक्त मानी जाती है।

स्मृति और विचारों का शुद्धिकरण:
महाशिवरात्रि के दिन पूजा के दौरान विशेष रूप से नींद, दिनचर्या और मानसिक विकारों से बाहर निकलने का प्रयास किया जाता है। यह दिन साधक को खुद के विकृत विचारों और अज्ञान को पार करने के लिए सक्षम बनाता है। शिव की पूजा करने से मन के अंदर शुद्धता का संचार होता है, जिससे जीवन की दिशा सही हो जाती है।

साकार और निराकार शिव का मिलन:
महाशिवरात्रि केवल भगवान शिव की पूजा नहीं बल्कि निराकार और साकार शिव दोनों के दर्शन का अवसर भी है। शिव का साकार रूप हम पूजा करते हैं लेकिन उनकी निराकार शक्ति ब्रह्म (सर्वव्यापी चेतना) की पूजा करने का अवसर भी मिलता है। इस रात यह मिलन व्यक्ति को शाश्वत सत्य का एहसास कराता है।

शिवलिंग का महत्व:
शिवलिंग का रूप भी इस दिन के पूजा में महत्वपूर्ण है। शिवलिंग केवल एक मूर्ति नहीं, बल्कि यह समग्र ब्रह्मांड का प्रतीक है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करते समय शिवलिंग का अभिषेक विशेष रूप से फलदायक होता है, क्योंकि यह ब्रह्मांड के अदृश्य तत्वों को सक्रिय करता है। शिवलिंग में जल और बेल पत्र अर्पित करने से व्यक्ति का जीवन शुद्ध होता है और अनचाही बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

शिव की कृपा और ऊर्जा:
महाशिवरात्रि की रात में की गई पूजा से भगवान शिव की अद्भुत कृपा प्राप्त होती है, जो व्यक्ति के जीवन में शांति, सुख और समृद्धि लाती है। इस दिन विशेष रूप से भक्ति और साधना का गहरा असर होता है, जो साधक को आत्मा की शुद्धता और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने के योग्य बनाता है।
PunjabKesari mahashivratri

Invisible benefits of Mahashivratri Puja महाशिवरात्रि पूजा से मिलने वाले अदृश्य फल:
समय की महत्वता:

महाशिवरात्रि की रात में शिव की पूजा करने से समय का प्रबंधन सीखने में मदद मिलती है। शिव के ध्यान में डूबकर व्यक्ति समय की वास्तविकता और महत्व को समझने लगता है, जिससे उसके जीवन की दिशा स्पष्ट होती है। इस दिन रातभर की साधना, समय की सही समझ और प्रयोग को सिखाती है।

सकारात्मक बदलाव:
महाशिवरात्रि की पूजा से व्यक्ति के भीतर स्वयं के प्रति समझ और आत्मविश्वास बढ़ता है। यह रात मनुष्य को अपनी अच्छाईयों और कमियों को जानने और उन्हें सुधारने की दिशा में प्रोत्साहित करती है। शिव की कृपा से व्यक्ति अपने भीतर सकारात्मक बदलाव महसूस करने लगता है।

जीवन के संचित पापों का नाश:
शिवजी की पूजा में एक गूढ़ रहस्य छिपा है: यह पूजा केवल भौतिक सुख-समृद्धि का मार्ग नहीं खोलती, बल्कि आध्यात्मिक पापों का नाश भी करती है। महाशिवरात्रि की रात में संपूर्ण पापों का प्रक्षालन होता है, जिससे व्यक्ति को पुनः जन्म और कर्मों से मुक्ति मिलती है।

संसार से परे एकांत की अनुभूति:
महाशिवरात्रि की रात व्यक्ति को अपने भीतर आध्यात्मिक शांति और एकांत का अनुभव कराती है। इस दिन जब संपूर्ण संसार शांति में रहता है, साधक को अपने भीतर की शांति का अहसास होता है, जो उसे दुनिया के सभी बाहरी आक्रोश से दूर करता है। यह अनुभूति आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में एक महान कदम होती है।

PunjabKesari mahashivratri


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News