Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ का पवित्र जल चंडीगढ़ में बांटा

punjabkesari.in Thursday, Feb 20, 2025 - 07:45 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

चंडीगढ़ (अर्चना): मिसल शहीदां निहंग बाबा फकीर सिंह रसूलपुर (अयोध्या वाले) के जत्थेदार निहंग बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर ने प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम का पवित्र जल चंडीगढ़ लाकर विशेष रूप से बोतलों में डाल कर चंडीगढ़ में लोगों को भेंट किया। उन्होंने महाकुंभ के दौरान एक महीना वहां रहकर त्रिवेणी में स्नान करने के साथ-साथ दिन-रात गुरबाणी का प्रचार-प्रसार किया।

रसूलपुर ने बताया कि इतिहास में पहली बार किसी निहंग जत्थेबंदी या दल ने अखाड़ों के साथ मिलकर शाही स्नान आयोजित किया। रसूलपुर ने कहा कि कुंभ में जो देश भर से 13 अखाड़े भाग लेते हैं उनमें सिख धर्म से संबंधित उदासीन पंचायती बड़ा अखाड़ा, उदासीन पंचायती नया अखाड़ा और निर्मल अखाड़ा आते हैं पर मिसल शहीदां निहंग बाबा फकीर सिंह रसूलपुर (अयोध्या वाले) निहंग दल के तौर पर भाग लेने वाली पहली निहंग जत्थेबंदी है।

रसूलपुर ने बताया कि इसके साथ-साथ निहंग रूप में सिख धर्म का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने 5 विशाल संत सम्मेलनों व एक धर्म संसद में भाग लिया और उनके मंचों से गुरबाणी का प्रचार-प्रसार किया।

रसूलपुर ने कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि उन्होंने वहां एक महीना गुरबाणी का प्रचार-प्रसार किया जहां गुरु तेग बहादुर साहिब 1665 में माता गुजरी के साथ 6 महीने रहे। 

इतना ही नहीं गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी इस प्रयागराज की धरती पर अपनी माता जी के गर्भ में पधारे। रसूलपुर ने आखिर में कहा कि जिन भक्तों की वाणी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में दर्ज है वे सब सनातनी संत इस प्रयागराज की धरती से संबंधित हैं। इस मौके पर उनके साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता विनीत जोशी भी मौजूद थे।  


 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News