Magh Mela 2026: हर साल प्रयागराज में क्यों लगता है माघ मेला, जानिए आयोजन की वजह?
punjabkesari.in Thursday, Dec 25, 2025 - 09:58 AM (IST)
Magh Mela History and Significance : हिंदू धर्म में माघ मेला का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। हर साल माघ माह में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में त्रिवेणी संगम के पावन तट पर माघ मेले का आयोजन किया जाता है। इस दौरान संगम में स्नान, दान और धार्मिक अनुष्ठान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति मानी जाती है। यही कारण है कि हर वर्ष लाखों-करोड़ों श्रद्धालु देश-विदेश से प्रयागराज पहुंचते हैं।

कुंभ मेला जहां 12 वर्षों में एक बार लगता है, वहीं माघ मेला हर साल केवल प्रयागराज में आयोजित किया जाता है। इसे दुनिया के सबसे प्राचीन और विशाल वार्षिक आध्यात्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है।
माघ मेला 2026 कब से कब तक लगेगा? (Magh Mela 2026 Date)
धार्मिक पंचांग के अनुसार, माघ मेला 2026 की शुरुआत पौष पूर्णिमा से होगी और समापन महाशिवरात्रि पर होगा।
शुरुआत: 3 जनवरी 2026 (पौष पूर्णिमा)
समापन: 15 फरवरी 2026 (महाशिवरात्रि)
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को स्नान-दान के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। माघ माह को भी पुण्यदायी महीनों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। मान्यता है कि इस दौरान किए गए स्नान-दान से व्यक्ति को कई गुना अधिक पुण्य फल प्राप्त होते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है।

माघ मेला का इतिहास (Magh Mela History)
प्रयागराज की वह पावन धरती जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है, सनातन काल से ही तीर्थराज कहलाती है। शास्त्रों और पुराणों में इस संगम को अमृत तुल्य बताया गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ मेला में संगम स्नान करने से व्यक्ति को अमृत गुणों की प्राप्ति होती है। लगभग 45 दिनों तक चलने वाले इस मेले में साधु-संत, कल्पवासी और श्रद्धालु तप, दान, सेवा और साधना के माध्यम से अपने जीवन को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करते हैं।
माघ मेला का धार्मिक महत्व (Magh Mela Significance)
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माघ माह में गंगा स्नान से जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति मिलती है। संगम स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ माह में दान, जप, तप और यज्ञ का फल कई गुना बढ़ जाता है। इस दौरान किया गया कोई भी धार्मिक कर्म अक्षय फल प्रदान करता है। यही वजह है कि श्रद्धालु इस अवसर को जीवन का दुर्लभ सौभाग्य मानते हैं।
माघ मेले में कल्पवास का महत्व (Kalpvas in Magh Mela)
माघ मेले का सबसे विशेष पहलू है कल्पवास। इस दौरान श्रद्धालु संगम के तट पर रेत में तंबू बनाकर पूरे माघ माह तक निवास करते हैं। कल्पवास के दौरान ब्रह्ममुहूर्त में स्नान, सात्विक आहार, पूजा-पाठ, हवन, जप, संयमित जीवन का पालन किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, कल्पवास करने से मनुष्य को सभी देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
क्यों हर साल लगता है माघ मेला ?
यह प्रयागराज की विशिष्ट आध्यात्मिक परंपरा है। संगम स्नान का वार्षिक पुण्य अवसर। कुंभ के बीच के वर्षों में श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ आयोजन। साधना, तप और दान का श्रेष्ठ समय। इसी कारण माघ मेला हर वर्ष बिना किसी अंतराल के आयोजित किया जाता है।
Magh Mela 2026: माघ मेले का मुख्य आकर्षण होता है संगम स्नान, कल्पवास, साधु-संतों का प्रवास, धार्मिक प्रवचन, यज्ञ, हवन और भजन-कीर्तन।

