Magh Mela 2026 : माघ मेले में आपात हालात से निपटने को तैयार प्रशासन, लागू होंगे 8 इमरजेंसी प्लान
punjabkesari.in Wednesday, Dec 17, 2025 - 10:23 AM (IST)
Magh Mela 2026 : संगम नगरी प्रयागराज में 3 जनवरी, 2026 से शुरू होने वाले 44 दिवसीय माघ मेले के लिए प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा एवं भीड़ प्रबंधन का अभूतपूर्व मेगा प्लान तैयार किया है। इस बार महाकुंभ के स्तर की तैयारियां की जा रही हैं, क्योंकि अनुमान है कि लगभग 12 से 15 करोड़ श्रद्धालु इस बार संगम में आस्था की डुबकी लगाने आ सकते हैं। सुरक्षित आगमन और सुगम वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने दो प्रमुख व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया है।
आपात स्थिति के लिए 8 इमरजेंसी प्लान
मेला क्षेत्र में किसी भी प्रकार की अप्रत्याशित या आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने आठ विशिष्ट आपातकालीन योजनाएं बनाई हैं, जिन्हें आवश्यकतानुसार तुरंत लागू किया जाएगा। इन योजनाओं के तहत, यदि संगम घाटों पर अत्यधिक भीड़ का दबाव बढ़ता है, तो पहले से चिह्नित अतिरिक्त घाटों पर श्रद्धालुओं को स्नान के लिए भेजा जाएगा। यदि भीड़ नियंत्रण से बाहर होती दिखती है, तो योजना के दूसरे चरण के तहत झूंसी या अन्य दिशाओं से संगम की ओर आने वाले प्रवेश द्वारों को अस्थायी रूप से बंद किया जाएगा। भीड़ प्रबंधन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से पूरे मेला क्षेत्र की 24x7 निगरानी की जाएगी।
ग्रीन कॉरिडोर की विशेष व्यवस्था
आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को तेज़ी से उपलब्ध कराने के लिए मेला प्रशासन ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था भी रखेगा। इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि गंभीर रूप से बीमार या घायल श्रद्धालुओं को बिना किसी ट्रैफिक बाधा के, कम से कम समय में मुख्य अस्पताल या प्राथमिक उपचार केंद्र तक पहुँचाया जा सके। मुख्य स्नान पर्वों पर पूरे मेला क्षेत्र और शहर के बड़े हिस्सों को 'नो व्हीकल जोन' घोषित किया जाएगा, ताकि पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं की आवाजाही सुरक्षित रहे और ग्रीन कॉरिडोर के लिए रास्ता तुरंत खाली कराया जा सके।
अन्य महत्वपूर्ण सुरक्षा और यातायात व्यवस्थाएं
सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए अन्य कई कदम उठाए जा रहे हैं। पूरे मेला क्षेत्र को सुरक्षा और प्रबंधन की दृष्टि से विभिन्न सेक्टरों और ज़ोन में विभाजित किया गया है। सुरक्षा में 10,000 से अधिक कर्मियों (जिसमें स्थानीय पुलिस, पीएसी, एनडीआरएफ/एसडीआरएफ और जल पुलिस शामिल हैं) की तैनाती की जाएगी। स्नान पर्वों के दौरान, घाटों तक पहुंचने और बाहर निकलने के लिए एकल दिशा मार्ग (वन-वे ट्रैफिक) की व्यवस्था लागू की जाएगी, ताकि भीड़ का टकराव रोका जा सके।
