Maa Kushmanda Aarti: इस आरती के साथ करें अपनी पूजा का समापन, तभी मिलेगा पूरा फल
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 05:00 AM (IST)

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Maa Kushmanda Aarti: आज नवरात्रि का चौथा दिन है और इस दिन मां कूष्मांडा की पूजा की जाती है। मां कूष्मांडा की आराधना करने से जीवन से जुड़ी हर परेशानियों का समाधान मिलता है और जीवन से नकारात्मकता दूर होती है। जिनकी शक्ति से पूरी सृष्टि की रचना हुई है। मां कूष्मांडा का नाम संस्कृत शब्द कूष्मांड से आया है, जिसका अर्थ होता है विशाल ब्रह्मांड या सूर्य। कहा जाता है कि मां ने अपने सौंदर्य और तेज से सूरज को जन्म दिया था। इसलिए इन्हें सूर्य की देवी भी कहा जाता है। नवरात्रि के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा-अर्चना बेहद शुभ मानी जाती है। इसके साथ ही उनकी आरती से पूजा का समापन करने से भक्तों को मां का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मां कूष्मांडा की आरती में उनकी महिमा, गुण और शक्तियों का वर्णन होता है, जिससे भक्तों का मन पवित्र होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
Mata Kushmanda Ki Aarti माता कूष्मांडा की आरती
"कूष्मांडा जय जग सुखदानी।"
"मुझ पर दया करो महारानी॥
"पिगंला ज्वालामुखी निराली।"
"शाकंबरी माँ भोली भाली॥"
"लाखों नाम निराले तेरे।"
"भक्त कई मतवाले तेरे॥"
"भीमा पर्वत पर है डेरा।"
"स्वीकारो प्रणाम ये मेरा॥"
"सबकी सुनती हो जगदंबे।"
"सुख पहुँचती हो माँ अंबे॥"
"तेरे दर्शन का मैं प्यासा।"
"पूर्ण कर दो मेरी आशा॥"
"माँ के मन में ममता भारी।"
"क्यों ना सुनेगी अरज हमारी॥"
"तेरे दर पर किया है डेरा।"
"दूर करो माँ संकट मेरा॥"
"मेरे कारज पूरे कर दो।"
"मेरे तुम भंडारे भर दो॥"
"तेरा दास तुझे ही ध्याए।"
"भक्त तेरे दर शीश झुकाए॥"
"मां कूष्मांडा के प्रिय भोग।"
Mantra of Maa Kushmanda मां कूष्मांडा का स्तुति मंत्र
"या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ॥"