Baglamukhi Jayanti: इस देवी ने किया था भगवान विष्णु को भी Tension free, पढ़ें कथा

punjabkesari.in Monday, May 05, 2025 - 06:50 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Maa Baglamukhi ki Pauranik Katha: शास्त्रों के अनुसार एक बार सतयुग में ब्रह्माण्ड को नष्ट करने वाला तूफान उत्पन्न हुआ जिससे समस्त लोकों में हाहाकार मच गया और लोग संकट में घिर गए। इस संकट की समस्या में भगवान विष्णु जी चिंतित हो गए। जब भगवान विष्णु को कोई उपाय न सूझा तो उन्होंने शिवजी का स्मरण किया। तब भगवान शिवजी ने कहा कि यदि कोई इस विनाश को रोक सकता है तो वह शक्ति रूप है। आप उनकी शरण में जाएं। तत्पश्चात तब भगवान विष्णु ने हरिद्रा सरोवर के निकट पहुंच कर कठोर तप करके महात्रिपुरसुंदरी को प्रसन्न किया।

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देवी शक्ति उनकी साधना से प्रसन्न हुईं और सौराष्ट्र क्षेत्र की हरिद्रा झील में जलक्रीड़ा करती महापीत देवी के हृदय से दिव्य तेज उत्पन्न हुआ। उस समय चतुर्दशी की रात्रि को देवी बगलामुखी के रूप में प्रकट हुईं, त्र्यैलोक्य स्तंभिनी महाविद्या भगवती बगलामुखी ने प्रसन्न होकर विष्णु जी को इच्छित वर दिया और तब सृष्टि का विनाश रुक सका।

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देवी बगलामुखी को बीर रति भी कहा जाता है क्योंकि देवी स्वम ब्रह्मास्त्र रूपिणी हैं, इनके शिव को एकवक्त महारुद्र कहा जाता है इसीलिए देवी सिद्ध विद्या हैं। गृहस्थों के लिए देवी समस्त प्रकार के संशयों का शमन करने वाली हैं। भगवान विष्णु जी ने कठिन तपस्या करके शक्ति रूप देवी को प्रसन्न किया। तदोपरांत माता बगलामुखी देवी ने प्रकट होकर समस्त लोगों को इस संकट से उबारा। अत: इस दिन से समस्त लोकों में माता बगलामुखी का प्रादुर्भाव हुआ।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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