जन्माष्टमी 2021: इन 108 मंत्रों का जप दिलाएगा श्री कृष्ण का प्यार

punjabkesari.in Tuesday, Aug 24, 2021 - 04:19 PM (IST)

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण का विधि वत रूप से पूजा अर्चना करने का विधान है। कहा जाता है कि इस दिन इनकी आराधना से मानव जीवन में शुभता आती है। इस बार 30 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व पड़ रहा है। इस दिन प्रत्येक श्री कृष्ण भक्त की यही कामना होती है कि वह श्री कृष्ण को प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त कर सके। इसी कामना के चलते लोग इस दिन हर संभव कार्य करते हैं। तो अगर आपकी भी यही इच्छा है कि इस जन्माष्टमी पर कन्हैया आप पर मेहराबान हो तो इस जन्माष्टमी निम्न मंत्रों का जप करके श्री कृष्ण की कृपा के पात्र बन सकते हैं। 

ज्योतिष शास्त्री बताते हैं श्रीकृष्ण के इन नामों का जप करने के बाद  पूर्व प्रज्ज्वलित अग्निकुंड में आहुति प्रदान करवाने के लिए आचार्य तिल, चंदन का चूरा, शकर, शाकल्य, कमलगट्टा, मखाना, जौ, इन सभी वस्तुओं को गोघृत में पूर्णतः मिलाकर या मात्र खीर द्वारा कृष्णजी के प्रत्येक नाम मंत्रों से अग्नि में आहुति प्रदान करवाना चाहिए। 
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यहां जानें इन मंत्रों के बारे में- 
1. ॐ हरये स्वाहा
2. ॐ देवकीनंदनाय स्वाहा
3. ॐ कंसहन्त्रे स्वाहा
4. ॐ परात्मने स्वाहा
5. ॐ पीताम्बराय स्वाहा
6. ॐ पूर्णदेवाय स्वाहा
7. ॐ रमेशाय स्वाहा
8. ॐ कृष्णाय स्वाहा
9. ॐ परेशाय स्वाहा
10. ॐ पुराणाय स्वाहा
11. ॐ सुरेशाय स्वाहा
12. ॐ अच्युताय स्वाहा
13. ॐ वासुदेवाय स्वाहा
14. ॐ देवाय स्वाहा
15. ॐ धराभारहर्त्रे स्वाहा
16. ॐ कृतिने स्वाहा
17. ॐ राधिकेशाय स्वाहा
18. ॐ परस्मै स्वाहा
19. ॐ भूवराय स्वाहा
20. ॐ दिव्यगोलोकनाथाय स्वाहा
21. ॐ सुदाम्नस्तथाराधिकाशापहेतवे स्वाहा
22. ॐ घृणिने स्वाहा
23. ॐ मानिनीमानदाय स्वाहा
24. ॐ दिव्यलोकाय स्वाहा
25. ॐ लसद्गोपवेशाय स्वाहा
26. ॐ अजाय स्वाहा
27. ॐ राधिकात्मने स्वाहा
28. ॐ चलत्कुण्डलाय स्वाहा
29. ॐ कुंतलिने स्वाहा
30. ॐ कुन्तलस्रजे स्वाहा
31. ॐ कदाचिद्-राधाया रथस्थाय स्वाहा
32. ॐ दिव्यरत्नाय स्वाहा
33. ॐ सुधासौधभूचारणाय स्वाहा
34. ॐ दिव्यवाससे स्वाहा
35. ॐ कदावृन्दकारण्यचारिणे स्वाहा
36. ॐ स्वलोके महारत्नसिंहासनस्थाय स्वाहा
37. ॐ प्रशान्ताय स्वाहा
38. ॐ महाहंसभैश्चामरैर्वीज्यमानाय स्वाहा
39. ॐ चलच्छत्रमुक्तावलीशोभमानाय स्वाहा
40. ॐ सुखिने स्वाहा
41. ॐ कोटिकन्दर्पलीलाभिरामाय स्वाहा
42. ॐ क्वणन्नूपुरालंकृतांघ्रये स्वाहा
43. ॐ शुभांघ्रये स्वाहा
44. ॐ सुजानवे स्वाहा
45. ॐ रंभाशुभोरवे स्वाहा
46. ॐ कृशांगाय स्वाहा
47. ॐ प्रतापिने स्वाहा
48. ॐ इभशुण्डासुदोर्दण्डखण्डाय स्वाहा
49. ॐ जपापुष्पहस्ताय स्वाहा
50. ॐ शातोदरश्रिये स्वाहा
51. ॐ महापद्मवक्षः स्थलाय स्वाहा
52. ॐ चन्द्रहासाय स्वाहा
53. ॐ लसत्कुंददंताय स्वाहा
54. ॐ विम्बाधरश्रिये स्वाहा
55. ॐ शरत्पद्मनेत्राय स्वाहा
56. ॐ किरीटोज्ज्वलाभाय स्वाहा
57. ॐ सखीकोटिभिर्वर्त्तमानाय स्वाहा
58. ॐ निकुंजे प्रियाराधयारास सक्ताय स्वाहा
59. ॐ नवांगाय स्वाहा
60. ॐ धराब्रह्मरुद्रादिप्रार्थितसंधरा भारदूरीक्रियार्थं प्रजाताय स्वाहा
61. ॐ यदवे स्वाहा
62. ॐ देवकीसौख्यदाय स्वाहा
63. ॐ बंधनच्छिदे स्वाहा
64. ॐ सशेषाय स्वाहा
65. ॐ विभवे स्वाहा
66. ॐ योगमायिने स्वाहा
67. ॐ विष्णवे स्वाहा
68. ॐ व्रजे नंदपुत्राय स्वाहा
69. ॐ यशोदासुताख्याय स्वाहा
70. ॐ महासौख्यदाय स्वाहा
71. ॐ बालरूपाय स्वाहा
72. ॐ शुभांगाय स्वाहा
73. ॐ पूतनामोक्षदाय स्वाहा
74. ॐ श्यामरूपाय स्वाहा
75. ॐ दयालवे स्वाहा
76. ॐ अनोभंजनाय स्वाहा
77. ॐ पल्लवांघ्रये स्वाहा
78. ॐ तृणावर्त्तसंहारकारिणे स्वाहा
79. ॐ गोपाय स्वाहा
80. ॐ यशोदायशसे स्वाहा
81. ॐ विश्वरूपदर्शिने स्वाहा
82. ॐ गर्गदिष्टाय स्वाहा
83. ॐ भाग्योदयश्रिये स्वाहा
84. ॐ लसद्वालकेलये स्वाहा
85. ॐ सरामाय स्वाहा
86. ॐ सुवाचाय स्वाहा
87. ॐ क्वणन्नूपुरैः शब्दयुजे स्वाहा
88. ॐ जानुहस्तैर्व्रजशांगणेरिंगमाणाय स्वाहा
89. ॐ दधिस्पृशे स्वाहा
90. ॐ हैयंगवीदुग्धभोक्त्रे स्वाहा
91. ॐ दधिस्तेयकृते स्वाहा
92. ॐ दुग्धभुजे स्वाहा
93. ॐ भांडभेत्रे स्वाहा
94. ॐमृद्भुक्तवते स्वाहा
95. ॐ गोपजाय स्वाहा
96. ॐ विश्वरूपाय स्वाहा
97. ॐ प्रचण्डांशुचण्डप्रभामण्डितांगाय स्वाहा
98. ॐ यशोदाकरैर्बन्धनप्राप्ताय स्वाहा
99. ॐ आद्याय स्वाहा
100. ॐ मणिग्रीवमुक्तिप्रदाय स्वाहा
101. ॐ दामबद्धाय स्वाहा
102. ॐ कदा व्रजे गोपिकाभिः नृत्यमानाय स्वाहा
103. ॐ कदानन्दसन्नन्दकैर्लाल्यमानाय स्वाहा
104. ॐ कदागोपनन्दांकाय स्वाहा
105. ॐ गोपालरूपिणे स्वाहा
106. ॐ कलिन्दांगजाकूलगाय स्वाहा
107. ॐ वर्तमानाय स्वाहा
108. ॐ घनैर्मारुतेश्छन्नभाण्डीरदेशे नन्दहस्ताद् राधया गृहीतवराय स्वाहा


 


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Content Writer

Jyoti

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