इस तरह की साड़ी पहनने से बढ़ता है पति का सौभाग्य, नीता अम्बानी भी फॉलो करती है यह Style

punjabkesari.in Thursday, Dec 04, 2025 - 11:17 AM (IST)

अमीर घरानों की महिलाओं, जैसे कि नीता अंबानी, श्लोका मेहता या अन्य बड़े परिवारों की महिलाओं को अक्सर अत्यधिक लंबा पल्लू वाली साड़ियां पहने देखा जाता है। इसके पीछे कई कारण और मान्यताएं हैं, जो इस प्रकार हैं:

लंबे पल्लू वाली साड़ी का रहस्य
लंबे पल्लू वाली साड़ी पहनने के पीछे के रहस्य को मुख्य रूप से तीन पहलुओं में समझा जा सकता है- धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं, सामाजिक और आर्थिक प्रतीकवाद, और सौंदर्य और शिष्टाचार।

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धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताएं 
भारतीय परंपरा और ज्योतिष शास्त्र में लंबे पल्लू वाली साड़ी को अत्यंत शुभ माना गया है। कई ज्योतिषीय मतों के अनुसार, साड़ी का पल्लू जितना लंबा होता है, वह पहनने वाली महिला के लिए उतना ही सौभाग्य और समृद्धि लाता है। ऐसा माना जाता है कि यह शुक्र देव की कृपा को आकर्षित करता है, जो धन, ऐश्वर्य और भौतिक सुखों के कारक हैं।  यह मान्यता है कि लंबा पल्लू धारण करने से पति का भाग्य मजबूत होता है और उन्हें कार्यक्षेत्र में खूब तरक्की मिलती है। यह एक तरह से पत्नी द्वारा परिवार और पति की सफलता के लिए किया गया अदृश्य अनुष्ठान माना जाता है।

सामाजिक और आर्थिक प्रतीकवाद
लंबे पल्लू की साड़ी पहनना केवल एक फैशन स्टेटमेंट नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली सामाजिक प्रतीक है। तिहासिक रूप से, ज़मीन को छूता हुआ लंबा पल्लू यह दर्शाता था कि महिला को शारीरिक श्रम करने की आवश्यकता नहीं है। यह सीधे तौर पर परिवार की अत्यधिक संपन्नता और विलासिता का प्रतीक होता था। एक साधारण परिवार की महिला को काम करते समय पल्लू को छोटा रखना पड़ता है। भारतीय इतिहास में, विशेष रूप से राजस्थान और अन्य शाही घरानों में, रॉयल ड्रैपिंग का चलन रहा है, जहां साड़ी का पल्लू और कपड़े की मात्रा अधिक होती थी। अमीर परिवार इस स्टाइल को अपनाकर अपनी शाही विरासत और उच्च सामाजिक स्थिति को दर्शाते हैं।

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सौंदर्य और शिष्टाचार 
लंबे पल्लू की साड़ियां दिखने में भी बेहद आकर्षक और प्रभावशाली होती हैं। लंबा, बहता हुआ पल्लू महिला की चाल में एक अद्वितीय ग्रेस और एलिगेंस जोड़ता है। यह एक राजसी और शालीन रूप देता है। यह ड्रेप किसी भी भारी और महंगी साड़ी, जैसे बनारसी या कांजीवरम सिल्क, पर की गई जटिल जरदोजी या ज़र के काम को प्रदर्शित करने का सर्वोत्तम तरीका है। पारंपरिक रूप से, भारतीय संस्कृति में पल्लू को विनम्रता और मर्यादा का प्रतीक माना जाता है। पल्लू को ज़मीन तक लंबा रखने का अर्थ है अत्यधिक मर्यादा का पालन करना, जो उच्च-वर्गीय परिवारों की महिलाओं से अपेक्षित होता है।

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Content Editor

Prachi Sharma

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