Lakshmi Panchami Vrat Katha: लक्ष्मी पंचमी व्रत कथा पढ़ने से दरिद्रता होगी दूर, आर्थिक संपन्नता मिलेगी भरपूर
punjabkesari.in Tuesday, Apr 01, 2025 - 10:19 AM (IST)

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Lakshmi Panchami 2025: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां कुष्मांडा का पूजन किया जाता है। इसी दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष दिन लक्ष्मी पंचमी भी होता है। यह व्रत मां लक्ष्मी को प्रसन्न करके मनोवांछित फल प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस व्रत के प्रभाव से माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से दरिद्रता दूर हो जाती है और व्यक्ति आर्थिक संपन्नता प्राप्त करता है। अगर विधिपूर्वक श्री पंचमी के दिन व्रत और पूजा की जाए तो लक्ष्मी जी प्रसन्न होकर अवश्य ही कृपा करती हैं। साथ ही व्रती अपने 21 कुलों के साथ लक्ष्मी लोक में निवास करता है। इसके अलावा स्त्रियों को यह व्रत सौभाग्य, संतान और धन की प्राप्ति करता है। धन की परेशानी ही नहीं बल्कि माता लक्ष्मी अन्य दुःख और समस्याओं को भी दूर करती हैं। अगर आपको अपने व्यवसाय में या फिर अपनी नौकरी में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है तो यह व्रत करने से माता आपकी इच्छा जरूर पूरी करेंगी। व्रत रखना संभव न हो तो अवश्य पढ़ें मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री लक्ष्मी पंचमी व्रत की कथा-
Fast story of Shri Lakshmi Panchami श्री लक्ष्मी पंचमी की व्रत कथा
एक बार मां लक्ष्मी देवताओं से रूठ गई और क्षीर सागर में जा मिली। मां लक्ष्मी के चले जाने से समस्त देवता श्री विहीन हो गए। तब देवराज इंद्र ने माता को पुन: प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की और व विशेष विधि-विधान से उनके लिए व्रत रखा। उनका अनुसरण करते हुए अन्य देवताओं ने भी मां लक्ष्मी का उपवास रखा, देवताओं की तरह असुरों ने भी लक्ष्मी जी की उपासना की इस पूजा से देवी अत्यधिक प्रसन्न हुई और अपने भक्तों की पुकार सुनी। व्रत समाप्ति के पश्चात माता पुन: उत्पन्न हुई और उनका विवाह श्री हरि विष्णु के साथ सम्पन्न हुआ। देवता फिर से माता की कृपा पाकर धन्य हुए। ऐसा मानना है कि यह तिथि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। यही कारण था कि इस तिथि को लक्ष्मी पंचमी के व्रत के रूप में मनाया जाने लगा।
Take these precautions on the day of Lakshmi Panchami लक्ष्मी पंचमी के दिन बरतें ये सावधानियां
भोजन में प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए।
क्रोध, वैमनस्य, ईर्ष्या, जलन, नफरत और बेईमानी के भावों से दूर रहें।