Kushmanda Devi Temple: मां कुष्मांडा देवी की कृपा या अद्भुत रहस्य? जानें इस मंदिर के पीछे की कहानी
punjabkesari.in Friday, Sep 26, 2025 - 06:01 AM (IST)

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Kushmanda Devi Temple: जैसे के आप सभी को पता है कि 22 सितंबर 2025, सोमवार से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। उसी तरह नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से मन की हर मुराद पूरी होती है और जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है। देशभर में वैसे तो माता कुष्मांडा के कई मंदिर है। लेकिन कानपुर में स्थित मां कुष्मांडा के मंदिर बहुत ही खास है। मां कुष्मांडा का मंदिर उन भक्तों के लिए आस्था का अद्भुत केंद्र है, जो उनकी कृपा और रहस्यमयी शक्तियों को अनुभव करना चाहते हैं। तो आइए जानते हैं कि मां कुष्मांडा के मंदिर के बारे में-
कहां स्थित है मां कुष्मांडा का मंदिर
मां कुष्मांडा का मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित है। नवरात्रि के दौरान मां कुष्मांडा के इस मंदिर में बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। मंदिर में नवरात्रि के दौरान बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है। भक्तजन दूर-दूर से आकर देवी के दर्शन करते हैं। ऐसा विश्वास है कि इन नौ दिनों में मां कुष्मांडा की पूजा करने से जीवन में प्रकाश और ऊर्जा का संचार होता है।
पिंडी से रिसता है पानी
मां कुष्मांडा के इस मंदिर को लेकर बहुत से रहस्य जुड़े हुए हैं। इस मंदिर में मां कुष्मांडा पिंडी रूप में विराजमान है। इस पिंडी में से लगा पानी रिसता रहता है। माना जाता है कि इस मंदिर में पानी अर्पित करने से भक्तों के जीवन की कठिनाइयां दूर होती हैं और उन्हें सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। साथ ही इस मंदिर के बारे में ये भी कहा जाता है कि जो भी पिंडी में से निकलने वाले पानी को अपनी आंखों में लगाता है उसकी रोशनी बढ़ जाती है। इस मंदिर के बारे में माना जाता है कि यहां आने वाला भक्त खाली हाथ नहीं लौटता। कई श्रद्धालु बताते हैं कि मनोकामना पूरी होने के बाद जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।