KundliTv- मासिक कालाष्टमी: ये उपाय आपकी Love Life को बनाएंगे हसीन

punjabkesari.in Friday, Jul 06, 2018 - 03:20 PM (IST)

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शुक्रवार, 6 जुलाई को मासिक काल-अष्टमी व्रत है। कष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को इसे मनाए जाने का विधान है। कई बार यह व्रत सप्तमी तिथि में भी आ जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जब अष्टमी तिथि की रात बलवान होती है, तभी कालाष्टमी का व्रत किए जाने का विधान है। यह दिन भोले नाथ के विकराल रूप भैरव बाबा को समर्पित है। कुछ लोग इस दिन दुर्गा पूजन भी करते हैं। कालाष्टमी के दिन रात में पूजा की जाती है और जागरण का तो विशेष महत्व है। आधी रात को शंख, नगाड़े और घंटे आदि बजाकर भैरव बाबा की आरती करनी चाहिए। भगवान शिव भैरव जी का पूर्ण अवतार हैं। भगवान शिव का यह रूप पराक्रम और साहस का प्रतीक है। इस दिन व्रत, पूजन और उपाय करने से हर तरह की नकारात्मकता का नाश होता है एवं रोग और शोक से मुक्ति मिलती है।

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पूजन विधि: घर की वायव्य दिशा में गुलाबी वस्त्र पर भैरव का चित्र स्थापित करके विधिवत पूजन करें। सुगंधित तेल का दीप करें, गुलाब की अगरबत्ती से धूप करें, गुलाबी फूल चढ़ाएं, अबीर चढ़ाएं, इत्र चढ़ाएं, मीठे चावल का भोग लगाएं तथा इस विशेष मंत्र  का 1 माला जाप करें। पूजन के बाद भोग कुत्ते को खिलाएं।

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उपाय
गुप्त रोगों से मुक्ति पाने के लिए दही-शक्कर के घोल में अपनी छाया देखकर कुत्ते को खिलाएं।


मधुर दांपत्य संबंध बनाने के लिए भैरव पर चढ़ा इत्र बेडरूम में छिड़कें।


प्रेम में सफलता के लिए प्रेमी का नाम लेते हुए चमेली के तेल का पंचमुखी दीपक रात में चौराहे पर जलाएं।


भैरव बाबा को खुश करने का सबसे सरल तरीका है कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलाएं।

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मनचाहा साथी पाने के लिए गुरुवार को करें यह उपाय

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Niyati Bhandari

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