Krishna Janmashtami 2025: सिंदूर पुष्प-बंगले में विराजेंगे ठाकुरजी मेघधनु पोशाक करेंगे धारण
punjabkesari.in Thursday, Aug 14, 2025 - 07:33 AM (IST)

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मथुरा (डॉ. कमल कान्त उपमन्यु): इस साल भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भाद्रपद कृष्ण अष्टमी 16 अगस्त, शनिवार को धूमधाम से मनाई जाएगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा-संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, सदस्य व हिन्दूवादी नेता गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण के 5252वें जन्मोत्सव को भव्य और दिव्य बनाने के लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं। कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव पर देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं, इसलिए ब्रज के हर चौराहे को भव्य तरीके से सजाया गया है।
कमिश्नर शैलेंद्र सिंह, डीआईजी शैलेश कुमार पांडे, जिलाधिकारी सीपी सिंह, एसएसपी श्लोक कुमार ने ब्रजभूमि की सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया है। जन्मोत्सव पर ठाकुरजी के श्रृंगार, पोशाक, मंदिर की साज-सज्जा एवं व्यवस्थाएं अभूतपूर्व होंगी। श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर विराजमान केशवदेवजी, मां योगमाया जी, गर्भ-गृहजी, श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार मंदिर में श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी के अवसर पर विशिष्ट पूजन, सहस्त्रार्चन, जन्माभिषेक एवं आरती के आयोजन होंगे।
ठाकुरजी का कलात्मक श्रृंगार, पोशाक श्रद्धाभाव से तैयार कराया गया है। रत्न-जड़ित मुकुट, बांसुरी, नवरत्न जड़ित कण्ठा आदि श्रृंगार सामग्री को ठाकुरजी धारण करेंगे। भगवती योगमायाजी विशिष्ट दिव्य स्वर्ण मुकुट धारण करेंगी। इस अवसर पर श्रीठाकुरजी मेघधनु पोशाक धारण करेंगे। सप्तवर्ण की यह मनोहारी एवं चित्ताकर्षक पोशाक, भक्तों को आनन्दित करेगी। पोशाक में नाम के अनुरूप इन्द्रधनुष के सात रंगों का प्रयोग रेशम, जड़ी और रत्नों के रूप में किया गया है। भगवान की ऐसी दिव्य और अनूठी पोशाक के निर्माण में अनेकों कारीगर लगभग छह माह से लगे हुए हैं।
श्री ठाकुरजी की पोशाक को भाद्रपद कृष्ण सप्तमी 15 अगस्त की सायं 6 बजे भव्य-दिव्य शोभायात्रा, घंटे-घड़ियाल, झांझ-मंजीरे, मृदंग और डमरू की मंगल ध्वनि के मध्य भगवान केशवदेवजी, भगवती योगमायाजी, गर्भगृह एवं श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार को अर्पित किया जाएगा। करोड़ों सनातनियों की आस्था के केन्द्र, कंस के कारागार के रूप में प्रसिद्ध श्रीगर्भ-गृह एवं श्रीकृष्ण चबूतरा की साज-सज्जा अनूठी एवं निराली होगी। लगभग 221 किग्रा. चांदी का उपयोग करते हुए श्रीगर्भ-गृह को विशिष्ट स्वरूप में निखारा गया है। पूरब दिशा के द्वार पर खड़े पहरेदार जहां कारागार की अनुभूति कराएंगे, वहीं ब्रज की प्राचीनतम कलाओं एवं नक्काशी का उपयोग करते हुऐ रजत-मण्डित गर्भ-गृह में दिव्य पुष्प-बंगले का निर्माण कराया जाएगा।
अष्टभुजा मां योगमाया मंदिर को भी भव्य रूप प्रदान किया गया
श्रीगर्भ-गृह के समीप विराजमान राज-राजेश्वरी अष्टभुजा मां योगमाया मंदिर को भी भव्य रूप प्रदान किया गया है। भगवती योगमाया के मंदिर में सिंहासन, पिछवाई, दिव्य अस्त्र-शस्त्र, अलौकिक सिंह, दिव्य पादुकाएं लगभग 51 किग्रा. शुद्ध चांदी से बनवाई गई हैं। गर्भ-गृह में विराजमान मां भगवती के अलौकिक दर्शन होंगे। शास्त्रों एवं संतों के मतानुसार कंस के जिस कारागार में भगवान चतुर्भुज नारायण का प्राकट्य हुआ वहां पर बालरूप में वासुदेव एवं देवकी जी को अनन्त सुख प्राप्त कराया। कन्या रूप में गोकुल में जन्मी देवी भगवती योगमायाजी का शक्ति रूप में प्राकट्य, कंस के उसी कारागार में हुआ जहां कन्हैया प्रकट हुए थे। ऐसे भावानुरूप भगवती योगमाया देवी का भव्य-दिव्य पूजन एवं अभिषेक किया जाएगा। करोड़ों सनातन धर्मावलम्बियों के आस्था के केन्द्र भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर आयोजित जन्मोत्सव के दिव्य अवसर पर पूर्णावतार भगवान श्रीकृष्ण सिंदूर पुष्प-बंगला में विराजमान होंगे। 16 अगस्त को प्रात: दिव्य शहनाई एवं नगाड़ों के सुमधुर वादन के साथ भगवान की मंगला आरती के दर्शन प्रात: 5:30 बजे से होंगे। इसके बाद प्रात: 8 बजे भगवान का दिव्य पंचामृत अभिषेक किया जाएगा एवं भगवान के पवित्र स्त्रोतों का पाठ एवं पुष्पार्चन होगा। प्रात: 9 बजे भव्य पुष्पांजलि एवं श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी महोत्सव के संकल्प का अलौकिक कार्यक्रम श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार के श्रीचरणों में भागवत-भवन के दिव्य प्रांगण में आयोजित होगा।