Krishna Janmashtami 2025: कृष्ण जन्माष्टमी कब है ? जानें नंदलाल के जन्मदिन की तारीख और शुभ मुहूर्त

punjabkesari.in Monday, Jul 28, 2025 - 07:16 AM (IST)

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Krishna Janmashtami 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और लोकप्रिय पर्व है। यह भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन उपवास रखते हैं, मंदिरों को सजाया जाता है, झांकियां निकाली जाती हैं और रात 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है।

2025 में जन्माष्टमी कब है ?

ड्रिक पंचांग के अनुसार स्थिति-
अष्टमी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 15, 2025 को 11:49 पी.एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त - अगस्त 16, 2025 को 09:34 पी.एम बजे
रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ - अगस्त 17, 2025 को 04:38 ए.एम बजे
रोहिणी नक्षत्र समाप्त - अगस्त 18, 2025 को 03:17 ए.एम बजे

निशिता पूजा का समय - 12:06 ए.एम से 12:49 ए.एम, अगस्त 16

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Worship method: व्रत और पूजन विधि:
भक्तजन सूर्योदय से ही उपवास शुरू करते हैं। कुछ लोग फलाहार करते हैं तो कुछ निर्जल उपवास रखते हैं।
प्रातःकाल स्नान करके व्रत का संकल्प लिया जाता है।
भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराकर वस्त्र पहनाए जाते हैं। झूला सजाया जाता है।
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का जाप करें। रात को 12 बजे श्रीकृष्ण जन्म के समय झूले में श्रीकृष्ण को झुलाया जाता है, आरती की जाती है और भोग लगाया जाता है।
माखन, मिश्री, धनिया पंजीरी, फल आदि का भोग लगाया जाता है।
दिनभर और रात को भक्त भजन-कीर्तन करते हैं, श्रीकृष्ण की लीलाओं का गायन होता है।

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जन्माष्टमी का महत्व:
श्रीकृष्ण ने अधर्म का नाश करने, धर्म की स्था
पना और भगवत गीता का उपदेश देने के लिए धरती पर अवतार लिया था। उनका जीवन सत्य, प्रेम, करुणा और न्याय का प्रतीक है। जन्माष्टमी न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा पर्व है, बल्कि यह हमें जीवन में धर्म और कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है। भारत में मथुरा, वृंदावन, द्वारका, नाथद्वारा, इस्कॉन मंदिरों और अन्य कृष्ण मंदिरों में विशेष रूप से यह पर्व बड़े उत्सव के रूप में मनाया जाता है। देशभर में झांकियां, रासलीला, दही-हांडी और कीर्तन आयोजित होते हैं।

Janmashtami Shubh Yog श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शुभ योग 
ज्योतिष गणना के अनुसार इस बार की जन्माष्टमी बेहद ही खास होने वाली है क्योंकि इस बार बेहद ही शुभ योग बनने जा रहे है। इस दिन  वृद्धि, रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है और इस दिन की खासियत को और भी ज्यादा बढ़ाता है। 
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Content Editor

Prachi Sharma

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