Khudiram Bose Story: महज 18 साल की उम्र में अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले खुदीराम बोस, पढ़ें उनके जीवन की दास्तां

punjabkesari.in Thursday, Dec 07, 2023 - 10:37 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Khudiram Bose Story: खुदीराम बोस भारत की स्वतंत्रता के संघर्ष के इतिहास में संभवत: सबसे कम उम्र के क्रान्तिकारी देशभक्त थे। अंग्रेजों के अत्याचारों से दुखी होकर उन्होंने स्वतंत्रता संघर्ष में अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों से एक मशाल जलाई। उन्होंने जिस उम्र में इन तकलीफों के खात्मे के खिलाफ आवाज बुलंद की, वह मिसाल है, जिसका वर्णन इतिहास के पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। इससे ज्यादा हैरान करने वाली बात और क्या हो सकती है कि जिस उम्र में कोई बच्चा खेलने-कूदने और पढ़ने में खुद को झोंक देता है, उस उम्र में खुदीराम बोस यह समझते थे कि देश का गुलाम होना क्या होता है और कैसे या किस रास्ते से देश को इस हालात से बाहर लाया जा सकता है।

PunjabKesari Khudiram Bose Story

1905 में बंगाल विभाजन के बाद उथल-पुथल के दौर में बालक खुदीराम के मन में देश को आजाद कराने की ऐसी लगन लगी कि नौवीं कक्षा के बाद ही पढ़ाई छोड़ दी और स्वदेशी आन्दोलन में कूद पड़े। छात्र जीवन से ही ऐसी लगन मन में लिए इस नौजवान ने हिंदुस्तान पर अत्याचारी सत्ता चलाने वाले ब्रिटिश साम्राज्य को ध्वस्त करने के संकल्प में अलौकिक धैर्य का परिचय देते हुए पहला बम फेंका और हाथ में भगवद्गीता लेकर हंसते-हंसते फांसी के फंदे पर चढ़कर इतिहास रच दिया।

बंगाल के मिदनापुर जिले के हबीबपुर गांव में त्रैलोक्यनाथ बोस के घर माता लक्ष्मीप्रिया देवी की कोख से खुदीराम बोस का जन्म हुआ था लेकिन बहुत ही कम उम्र में उनके सिर से माता-पिता का साया उठ गया। उनकी बड़ी बहन ने माता-पिता की भूमिका निभाई और खुदीराम का लालन-पालन किया था। स्कूल जीवन में ही जुलूसों में शामिल होकर ब्रिटिश सत्ता के साम्राज्यवाद के खिलाफ नारे लगा कर वह अपने उत्साह से सबको चकित कर देते थे।

PunjabKesari Khudiram Bose Story

स्कूल छोड़ने के बाद खुदीराम रिवोल्यूशनरी पार्टी के सदस्य बने। कलकत्ता के क्रूर मजिस्ट्रेट किंग्सफोर्ड के अत्याचारों का बदला लेने के लिए उनकी बग्घी पर बम फेंका लेकिन वह बच गया। इसी आरोप में खुदीराम बोस को 11 अगस्त, 1908 को फांसी दी गई। फांसी के समय उनकी उम्र 18 साल 8 महीने 8 दिन थी।

PunjabKesari Khudiram Bose Story

 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News