Kedarnath Dham: आस्था की उड़ान हुई महंगी, केदारनाथ हेलिकॉप्टर टिकट की बढ़ोतरी ने उड़ाए सबके होश

punjabkesari.in Wednesday, Sep 10, 2025 - 07:52 AM (IST)

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Kedarnath Dham: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए राहत देने वाली हेलीकॉप्टर सेवा अब उनकी जेब पर भारी पड़ने वाली है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने केदारनाथ धाम की हेली सेवा के किराए में 49% तक की बढ़ोतरी का ऐलान किया है। ये नई दरें 15 सितंबर 2025 से लागू होंगी हालांकि इसके लिए DGCA  की मंजूरी अभी बाकी है।

क्यों बढ़ा किराया ?

UCADA के सी.ई.ओ आशीष चौहान ने बताया कि यह निर्णय कई ज़रूरी सुधारों के चलते लिया गया है। बीते कुछ वर्षों में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं के बाद सुरक्षा मानकों को कड़ा किया गया है। नए तकनीकी सुधारों जैसे ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन, CCTV कैमरे, एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम, VHF सेट और सिलोमीटर की स्थापना की जा रही है। साथ ही, देहरादून के सहस्त्रधारा और सिरसी में दो मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं, जहां से उड़ानों की निगरानी की जाएगी।

इन सभी उपायों में खर्च को देखते हुए ही टिकट दरें बढ़ाई गई हैं।

नए हेली टिकट दरें (आने-जाने का किराया)

रूट                 पुराना किराया  नया किराया  
गुप्तकाशी – केदारनाथ   8,532    12,444  
फाटा – केदारनाथ     6,062   8,842      
सिरसी – केदारनाथ     6,060 8,839      

अब श्रद्धालुओं को इस यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति ₹4,000-₹5,000 तक अतिरिक्त खर्च करना होगा।

 बुकिंग और सेवा संचालन की जानकारी

सेवा शुरू होने की संभावित तिथि: 15 सितंबर 2025

बुकिंग शुरू: 10 सितंबर से

बुकिंग प्लेटफॉर्म: IRCTC की आधिकारिक वेबसाइट

 टिकट बुक करने से पहले चारधाम यात्रा का पंजीकरण अनिवार्य है।

इस बार हेली सेवा संचालन की जिम्मेदारी सात निजी कंपनियों को दी गई है, जिनमें पवन हंस, हिमालयन हेली, ट्रांस भारत, ग्लोबल विक्ट्रा, थंबी एविएशन, केस्ट्रल एविएशन और एयरो एयरक्राफ्ट शामिल हैं।

श्रद्धालुओं पर असर
हेलीकॉप्टर सेवा खासतौर पर उन लोगों के लिए राहत देती है जो पैदल यात्रा करने में असमर्थ हैं या लंबी दूरी तय नहीं कर सकते। लेकिन किराए में भारी बढ़ोतरी से मध्यम वर्गीय श्रद्धालुओं की योजना पर असर पड़ सकता है। सोशल मीडिया पर भी इस निर्णय को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ लोग इसे सुरक्षा के लिए ज़रूरी मान रहे हैं तो कुछ इसे कंपनियों के घाटे की भरपाई का ज़रिया बता रहे हैं।


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Content Editor

Prachi Sharma

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