Katas Raj Temple in Pakistan: महाशिवरात्रि पर भारतीयों ने ऐसे किए पाकिस्तान में स्थित कटासराज धाम के दर्शन

punjabkesari.in Thursday, Mar 14, 2024 - 11:35 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Katas Raj Dham in Pakistan: नवाज शरीफ के प्रथम प्रधानमंत्री काल में जब 30 वर्ष पूर्व जगदीप राय कनतोड़ के नेतृत्व में भारत से लेखक सहित यात्रियों का जत्था पाकिस्तान में महाशिवरात्रि मनाने गया, तब भले ही लाहौर के एक सरकारी स्कूल में ठहराया जाता था लेकिन घूमने पर कोई प्रतिबंध नहीं था। अब जब उसी परिवार के सदस्य पश्चिमी पंजाब और केंद्रीय सरकार के शीर्ष पदोंं पर विराजमान हैं तो उम्मीद लगाई जाती है कि अच्छे दिन यात्रियों के लिए लौटेंगे।

PunjabKesari Katas Raj

इस बार महाशिवरात्रि मनाने के लिए श्री सनातन धर्म केंद्रीय प्रतिनिधिसभा के प्रयास से यात्रियों को महाशिवरात्रि मनाने के लिए पाकिस्तान भेजने का उद्यम किया गया। रवानगी से केवल दो दिन पूर्व मात्र 112 यात्रियों को वीजा जारी किया गया। हालांकि, अमृतसर के दुर्गियाना मंदिर में एकत्र होने के बाद अटारी सीमा से पश्चिमी पंजाब में प्रवेश करने वालों की संख्या 67 तक सिमट कर रह गई।
चकवाल में छठी सदी में स्थापित कटासराज धाम को देश विभाजन से पूर्व गुलाब व लुकाठ की विश्वप्रसिद्ध मंडी भी माना जाता था।

PunjabKesari Katas Raj
पाकिस्तान में बसे लगभग 21 लाख हिंदुओं के इस पावन तीर्थ स्थल की यात्रा पर भारत-पाक समझौते के अंतर्गत प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा व महाशिवरात्रि के अवसर पर 200 भारतीय यात्रियों को जाने की अनुमति दी जाती है। 2012 तक अमरकुंड से कटास व वोल्हे गांव के साथ-साथ उप तहसील का दर्जा रखने वाले चोआ सैदनशाह कस्बे को भी उस जल की आपूर्ति होती थी जो 65 फुट गहरे झरने से निकलता था।

PunjabKesari Katas Raj
मान्यता यह है कि जब भगवान शिव पार्वती का अधजला शरीर कंधे पर रख कर विचरण कर रहे थे तो उनकी आंख से आंसू टपके जिससे अमरकुंड का उदय हुआ।

मार्च 2015 में हिंदुओं और सिखों के तीर्थ स्थलों की देखभाल करने वाले वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सिदीक-उल-रहमान ने घोषणा की थी कि भारतीय यात्रियों के लिए 50 कमरों वाली सराय का निर्माण किया जाएगा। उसी वर्ष इसका शिलान्यास भी कर दिया गया लेकिन इस बार भी यात्रियों को इंजीनियरिंग कॉलेज में ही ठहराया गया।

अमरकुंड में महाशिवरात्रि के अवसर पर स्नान के लिए अब साफ जल उपलब्ध है। शिव मंदिर में शिवलिंग पूजा की व्यवस्था भी पहले जैसी है। वहीं पौराणिक श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में मूर्ति स्थापित करने के लिए श्री रामायण प्रचारणी सभा ने अनुमति के लिए पुन: गुहार लगाई है।

PunjabKesari Katas Raj
कटासराज में सदियों पुराने स्तूपों व मंदिरों की मुरम्मत के लिए पाकिस्तान के पुरातत्व विभाग ने भारत से विशेषज्ञ बुलाए थे लेकिन अब भी कई इमारतों पर ताले लटक रहे हैं।

पाकिस्तान हिंदू कौंसिल के अध्यक्ष रहे मनोहर चांद व उनकी धर्मपत्नी सुनीता कई वर्षों से यात्रियों की हर सुख-सुविधा का ध्यान रखते रहे लेकिन मनोहर चांद बीते वर्ष मार्च माह में परलोक सिधार गए। अब सुनीता उसी उत्साह से यात्रियों से सहयोग कर रही हैं, लेकिन उन्हें इस बात का दुख है कि इतने लम्बे समय से अपने पति की जो अस्थियां उन्होंने संभाल कर रखी हुई हैं, उन्हें हरिद्वार जाकर हरि की पौड़ी के नजदीक गंगा घाट पर विसर्जित करने के लिए वीजा नहीं मिल रहा। उनकी इच्छा है कि भारत यात्रा के दौरान अमृतसर में दुर्गियाना मंदिर में भी नतमस्तक हों। यह स्वप्न कब साकार होगा, कहना मुश्किल है।

PunjabKesari Katas Raj


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News