Kashi Maa Kalratri Mandir: रहस्य और भक्ति का संगम है काशी में स्थित मां कालरात्रि का ये भव्य मंदिर
punjabkesari.in Monday, Sep 29, 2025 - 06:00 AM (IST)

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Kashi Maa Kalratri Mandir: काशी का मां कालरात्रि मंदिर अपनी अनोखी पौराणिक महिमा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर विशेष रूप से उन लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है जो भय, नकारात्मक शक्तियों और मायावी प्रभावों से मुक्ति पाना चाहते हैं। नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने का विधान है। काशी के इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलता है। कहा जाता है कि मां कालरात्रि की उपासना और पूजा-अर्चना से न केवल आत्मिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में नई सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस मंदिर से जुड़ी बहुत सारी मान्ताएं प्रसिद्ध है। तो आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में-
कैसा है मां कालरात्रि का स्वरूप?
मां कालरात्रि का रूप गहरा नीला या काला होता है, जो अंधकार और बुराई पर विजय का प्रतीक है। उनके चार हाथ होते हैं – दो हाथों में अस्त्र-शस्त्र और दो हाथों में आशीर्वाद और भय दूर करने का प्रतीक। उनका भयंकर स्वरूप भक्तों को डराने के लिए नहीं, बल्कि नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति दिलाने के लिए है। देवी की आंखों में तीव्रता और मुख पर भयंकर अभिव्यक्ति होती है। चारों ओर दिव्य आभा और प्रकाश होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शक्ति प्रदान करता है।
काशी के इस मंदिर की मान्यता और परंपरा
काशी के इस मंदिर की स्थापना और यहां की परंपराएं सदियों पुरानी हैं। काशि के इस मंदिर की गली का नाम कालिका गली है, जो मातारानी के नाम पर ही रखा गया है। शारदीय नवरात्रि में इस मंदिर में खास पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तजन दूर-दूर से यहां आते हैं, अपने भय और बाधाओं को दूर करने के लिए। विशेष अवसरों पर आयोजित किए जाने वाले मंत्र-जाप और आरती से वातावरण दिव्यता और शक्ति से भर जाता है। यहां आने वाले हर श्रद्धालु को देवी मां की अद्भुत शक्ति का अनुभव होता है और मन, शरीर और आत्मा में सकारात्मक परिवर्तन दिखाई देता है। ये मंदिर सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक और शाम 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक यह मंदिर खुला रहता है।