Kartik Purnima: देव दीपावली पर होगा कार्तिक माह का समापन, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
punjabkesari.in Wednesday, Nov 05, 2025 - 07:06 AM (IST)
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Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। यह कार्तिक मास का अंतिम दिन होता है और इसे देव दीपावली तथा गुरु नानक जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन देवी-देवता धरती पर गंगा स्नान करने के लिए अवतरित होते हैं। कार्तिक मास का यह पवित्र महीना धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। पूरे महीने में भक्त पूजा, व्रत और दानधर्म का पालन करते हैं। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की भी पूजा होती है।

Importance of Dev Deepawali देव दीपावली का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा नदी के किनारे हजारों दीप जलाए जाते हैं और इसे देव दीपावली कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। भक्तजन इस दिन उपवास रखते हैं और भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। साथ ही सत्यनारायण कथा का पाठ करने से मनोकामना पूरी होती है।

Auspicious time for Dev Deepawali Kartik Purnima 2025 देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा 2025 का मुहूर्त
तिथि का आरंभ: 04 नवंबर 2025, रात 10:36 बजे
तिथि का समापन: 05 नवंबर 2025, शाम 6:48 बजे
गंगा स्नान मुहूर्त: सुबह 04:52 से 05:44 बजे तक
पूजा मुहूर्त: सुबह 07:58 से 09:20 बजे तक
इस समय में पूजा, स्नान और दीपदान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

Kartik Purnima Puja Rituals कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि
स्नान और शुद्धिकरण: सुबह गंगा या किसी पवित्र जलाशय में स्नान करें।
पूजा सामग्री: फूल, दीपक, धूप, फल, तिल, चावल, घी और ब्राह्मण को दान।
सत्यनारायण कथा: इस दिन कथा का पाठ विशेष फलदायी होता है।
दीपदान: गंगा या तालाब में दीपक जलाना अत्यंत शुभ है।
व्रत का पारण: पूरे दिन व्रत रखने के बाद संध्याकाल में पारण करें।
धार्मिक विश्वास के अनुसार, इस दिन किए गए दान और पूजा का फल अत्यधिक मंगलकारी होता है।

Why is Kartik Purnima special क्यों विशेष है कार्तिक पूर्णिमा
यह दिन धन, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि लाता है। गंगा स्नान और दीपदान से पाप नष्ट होते हैं। भगवान विष्णु और शिव की पूजा से आध्यात्मिक उन्नति होती है। व्रत और कथा का पालन करने से मनोकामना पूर्ण होती है। 5 नवंबर 2025 को मनाई जाने वाली कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आस्था, भक्ति और धर्म का प्रतीक है। गंगा स्नान, दीपदान और सत्यनारायण पूजा से न केवल पाप नष्ट होते हैं, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति आती है।

