Kartik month: जीवन में स्वास्थ्य और सुख-शांति के लिए 1 महीना अपने Lifestyle में लाएं थोड़ा बदलाव
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 06:41 AM (IST)

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Kartik month 2025: कार्तिक मास हिंदू पंचांग का एक अत्यंत पवित्र मास है। यह मास अक्टूबर–नवंबर के महीने में आता है और चंद्र कैलेंडर के अनुसार कृष्ण पक्ष के प्रतिपदा से शुरू होकर शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तक रहता है। 2025 में कार्तिक मास 04 अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। कार्तिक मास को भगवान विष्णु का प्रिय मास कहा गया है। इस मास में किए गए पूजा-पाठ, दान और व्रत अत्यंत फलदायक होते हैं। पुराणों के अनुसार, इस मास में भगवान विष्णु विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं। विष्णु पुराण में लिखा है कि कार्तिक मास में की गई पूजा से मनुष्य के पाप समाप्त होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भागवत पुराण में वर्णित है कि इस मास में किए गए दान और तुलसी पूजन से जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और सुख-शांति आती है।
पवित्र कार्य और व्रत नियम: कार्तिक मास में कई पवित्र धार्मिक क्रियाएं की जाती हैं। कार्तिक मास हिंदू धर्म में धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह मास हमें सिखाता है कि साधना, दान, भक्ति और पूजा के माध्यम से मनुष्य अपने जीवन को पवित्र और सफल बना सकता है। 04 अक्टूबर 2025 से प्रारंभ होने वाला यह मास विशेष रूप से भगवान विष्णु की कृपा, घर की समृद्धि और आत्मिक शांति प्रदान करेगा।
कार्तिक पूर्णिमा व्रत: यह मास की सबसे महत्वपूर्ण तिथि है। इस दिन दीपक जलाना, नदी में स्नान करना और विष्णु-पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
दान और तुलसी पूजा: इस मास में किए गए दान और तुलसी के पूजन से घर में समृद्धि और सुख-शांति आती है।
कथा पाठ और कीर्तन: श्रीमद्भागवत कथा, विष्णु-भजन और कीर्तन में भाग लेने से जीवन में आशीर्वाद मिलता है।
नदी और सरोवर में स्नान: कार्तिक मास में गंगा या अन्य पवित्र जल में स्नान करने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है।
कार्तिक मास महत्व
कार्तिक मास में दीपदान का विशेष महत्व है। रात में घर और घाट पर दीपक जलाने से अज्ञान और अंधकार दूर होते हैं।
यह मास दांपत्य जीवन और परिवार के लिए भी अत्यंत शुभ माना जाता है। विवाहिता स्त्रियों के लिए इस मास में व्रत करने से पति की लंबी उम्र और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
अविवाहित युवक-युवतियों के लिए भी इस मास में पुण्यकर्म और व्रत विवाह की संभावनाओं को बढ़ाते हैं।