Kamika Ekadashi 2025: कामिका एकादशी व्रत में इन मंत्रों का जाप कर हर संकट को करें दूर
punjabkesari.in Tuesday, Jul 15, 2025 - 06:00 AM (IST)

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Kamika Ekadashi 2025: सनातन धर्म में हर एकादशी का बहुत खास महतव है। कामिका एकादशी हिंदू धर्म में प्रमुख एकादशियों में से एक है, जो श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस बार कामिका एकादशी का व्रत 21 जुलाई को रखा जाएगा। मान्यता है कि कामिका एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है। इस दिन विष्णु जी की पूजा करने के साथ-साथ उनके कुछ मंत्रों का जाप करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है। तो आइए जानते हैं श्री हरि के मंत्रों के बारे में-
भगवान विष्णु के मंत्र
शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
जीवश्चाङ्गिर-गोत्रतोत्तरमुखो दीर्घोत्तरा संस्थित:
पीतोश्वत्थ-समिद्ध-सिन्धुजनिश्चापो थ मीनाधिप:।
सूर्येन्दु-क्षितिज-प्रियो बुध-सितौ शत्रूसमाश्चापरे
सप्ताङ्कद्विभव: शुभ: सुरुगुरु: कुर्यात् सदा मङ्गलम्।।
दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्।
अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।
“ॐ नृम नरसिंहाय शत्रुबल विदीर्नाय नमः”
ॐ वज्रनखाय विद्महे तीक्ष्ण दंष्ट्राय धीमहि तन्नो नरसिंह प्रचोदयात।
ऊँ श्री त्रिपुराय विद्महे तुलसी पत्राय धीमहि तन्नो: तुलसी प्रचोदयात।
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया ।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया ।।