Kamika ekadashi: संसार का हर सुख देगी ये पूजा, पढ़ें कथा

punjabkesari.in Wednesday, Jul 31, 2024 - 06:35 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
  
Kamika Ekadashi 2024: सभी एकादशियों का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। श्रावण मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी को कामिका एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष आज 31 जुलाई, बुधवार को यह मनाई जाएगी। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करने का विधान हैं। शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु के अराध्य भगवान शिव हैं और भगवान शिव के अराध्य भगवान विष्णु हैं। ऐसे में सावन के महीने में आने वाली कामिका एकादशी की पूजा व व्रत करने से सभी देवता, गन्धर्वों, नागों और सूर्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है। स्कंद पुराण के अनुसार इस दिन व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है।

PunjabKesari Kamika ekadashi

Kamika ekadashi vrat katha: कामिका एकादशी व्रत कथा- एक प्राचीन कथा अनुसार, बहुत समय पहले गांव के एक क्षत्रिय व्यक्ति का झगड़ा एक ब्राह्मण से हो गया और क्रोध में आ कर क्षत्रिय के हाथों ब्राह्मण की मृत्यु हो गई। जिस का उस को बहुत पछतावा होने लगा। उस व्यक्ति को पंडितों ने ब्राह्मण की क्रिया में भी शामिल नहीं होने दिया। ब्रह्म हत्या का प्रायश्चित हेतु व्यक्ति ने एक ऋषि से इस दोष से मुक्ति का रास्ता पूछा। जिस पर ऋषि ने उस व्यक्ति को कामिका एकादशी के व्रत करने की बात कहीं, जिसे करने से वह व्यक्ति ब्रह्म हत्या के दोष से मुक्त हो गया।

PunjabKesari Kamika ekadashi

Kamika ekadashi puja vidhi: कामिका एकादशी पूजा विधि- इस दिन स्नान आदि से निर्वित हो कर जातक को व्रत का संकल्प लेना चाहिए तत्पश्चात भगवान विष्णु की मूर्ति की स्थापना करके उनको फूल, फल, तिल, दूध और अन्य सामग्री अर्पित कर के दिन भर निर्जल व्रत करना चाहिए। भगवान विष्णु के मंत्र “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” और विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करने से विशेष लाभ प्राप्त होता हैं। इस दिन ब्राह्मण को भोजन करवाने एवं दक्षिणा देने का भी बहुत महत्व हैं। कामिका एकादशी की रात्रि को दीप दान करने का भी विधान है।

PunjabKesari Kamika ekadashi
Significance of kamika ekadashi: कामिका एकादशी का महत्व- इस प्रकार व्रत करने से व्रती से प्रसन्न हो कर भगवान विष्णु जाने अनजाने किये गए सभी पापों से मुक्ति देते है और भूलोक में सभी प्रकार के सुखों को भोग कर व्रती अंत में विष्णु लोक की प्राप्ति करता है।

आचार्य लोकेश धमीजा
वेबसाइट– www.goas.org.in


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Related News