Kailash Mansarovar Yatra 2025: पहली बार वाहनों से लिपुलेख पहुंचेंगे मानसरोवर यात्री
punjabkesari.in Sunday, Jun 22, 2025 - 07:05 AM (IST)

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पिथौरागढ़ (उत्तराखंड) (एजैंसी) : 5 साल के अंतराल के बाद 30 जून को कैलाश मानसरोवर यात्रा पिथौरागढ़ जिले में लिपुलेख दर्रे के रास्ते फिर से शुरू होने जा रही है। इतिहास में पहली बार कैलाश मानसरोवर यात्री वाहनों से लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेंगे। शनिवार को प्रशासनिक अधिकारियों ने यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की।
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि इस वर्ष 5 जत्थों में कुल 250 तीर्थयात्री लिपुलेख दर्रा मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा करेंगे। प्रत्येक जत्थे में 50 तीर्थयात्री होंगे। उन्होंने कहा, ‘यात्रा के इतिहास में पहली बार तीर्थयात्री वाहनों से लिपुलेख दर्रे तक पहुंचेंगे। यात्रा के लिए नोडल एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा 13 से अधिक वाहनों की व्यवस्था की गई है और दो को आरक्षित रखा गया है।’
अधिकारी ने कहा कि समीक्षा बैठक में कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन), भारतीय सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रतिनिधि शामिल हुए।
मानसून के दौरान भूस्खलन के खतरे के मद्देनजर जिलाधिकारी ने कहा कि बीआरओ को यात्रा मार्ग पर सड़कों की स्थिति के बारे में प्रतिदिन दो बार अपडेट जानकारी जारी करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्री तिब्बत से लौटते समय बूंदी शिविर में विश्राम करेंगे और बेरीनाग होते हुए चौकोरी, पाताल भुवनेश्वर, हाट कालिका, जागेश्वर, अल्मोड़ा और कैंची धाम का भ्रमण करते हुए नई दिल्ली लौटेंगे।
5 जुलाई को आधार शिविर पहुंचेगा पहला जत्था
जिलाधिकारी ने कहा कि तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 5 जुलाई को धारचूला आधार शिविर पहुंचेगा और अगले दिन गुंजी कैंप के लिए रवाना होगा। गोस्वामी ने कहा कि तीर्थयात्रियों की पहले गुंजी में चिकित्सा जांच की जाएगी, जहां उन्हें दो दिनों तक रहने दिया जाएगा। तीर्थयात्रियों की दूसरी चिकित्सा जांच तिब्बत में प्रवेश करने से पहले नाभीढांग में की जाएगी।