ज्योतिष शास्त्र से जानिए चोरी हुआ सामान मिलने व न मिलने के संकेत

punjabkesari.in Saturday, Jan 08, 2022 - 11:34 PM (IST)

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आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि कई बार हमारा कोई कीमती सामान अचानक खो जाता है या फिर चोरी हो जाता है। ऐसे में वस्तु के अचानक खो जाने के कारण जहां आर्थिक नुकसान तो होता ही है तो वहीं इंसान मानसिक रूप से भी परेशान हो जाता है। उस समय मन में वस यही चलता रहता है कि खोई हुई चीज वापस मिलेगी या नहीं। तो दोस्तों आज हम बताएंगे आपकी खोई हुई चीज का मिलने और न मिलने का कैसे पता लगाया सकता है। दोस्तों ज्योतिष शास्त्र में इस प्रश्न का समाधान दिया गया है। अगर आपकी भी कोई चीज खो गई है या फिर चोरी हो गई है, तो आगे दी गई जानकारी ध्यान से पढ़ें।

ज्योतिष शास्त्र से हम आसानी से कोई भी गुम हुई चीज़ का अंदाजा लगा लेते हैं। नक्षत्रों के आधार पर गुम हुई वस्तु के दोबारा मिलने की संभावनाओं का पता लगाया जा सकता है। अब ये कैसे पता लगा सकते हैं ये जानते हैं। तो जिस समय आपकी वस्तु गुम हुई या चोरी हुई है जो उस समय कौन सा नक्षत्र होता है उसी के मुताबिक खोई हुई वस्तु का अनुमान लगा सकते हैं।  

हिंदू पंचाग के अनुसार 27 नक्षत्र होते हैं। जिन्हें चार भागों में बांटा गया है। जिसमें से पहला अंध नक्षत्र, दूसरा मन्दलोचन नक्षत्र, तीसरा मध्यलोचन नक्षत्र और चौथा सुलोचन नक्षत्र है। और इन नक्षत्रों में भी कई नक्षत्र आते हैं जो कुछ इस प्रकार हैं।

अन्ध नक्षत्र में पुष्य, उत्तराफ़ाल्गुनी, विशाखा, पूर्वाषाढ़ा, धनिष्ठा, रेवती व रोहिणी नक्षत्र है। तो ज्योतिश के अनुसार अगर कोई वस्तु अन्ध नक्षत्र में कोई है तो वो वस्तु पूर्व दिशा की ओर जाती है और उस चीज की दोबारा मिलने की संभावना ज्यादा होती है। इस नक्षत्र में खोई चीज आपको मिल जाती है। तो वहीं अगर मन्दलोचन नक्षत्र में आश्लेषा, हस्त, अनुराधा, उत्तराषाढ़ा, शतभिषा, अश्विनी व मृगशिरा आते हैं। इन नक्षत्रों में खोई हुई वस्तु दक्षिण दिशा की ओर चली जाती है। और इस दौरान चोरी हुआ सामान आपको वापस तो मिल जाता है लेकिन काफी ज्यादा प्रयत्न करने पर ही वो चीज प्राप्त हो जाती है। अब बात करते हैं मध्यलोचन नक्षत्र की इसमें मघा, चित्रा, ज्येष्ठा, पूर्वाभाद्रपद, भरणी व आर्द्रा नक्षत्र आते हैं। इसमें गुम हुआ या चोरी हुआ सामान पश्चिम दिशा की ओर बहुत दूर चली जाता है।और इस नक्षत्र में खोई चीज लाख कोशिश करने पर भी नहीं मिलती है। इसके अलावा चौथा नक्षत्र है सुलोचन नक्षत्र इसमें पूर्वा फ़ाल्गुनी, स्वाति, मूल, श्रवण, उत्तराभाद्रपद, कृत्तिका व पुनर्वसु नक्षत्र आते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र में खोई और चोरी हुई वस्तु उत्तर दिशा की ओर जाती है.. लाख पता करने पर भी उसका पता नहीं लगता और न ही वो चीज दोबारा मिलती है।

 


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Content Writer

Jyoti

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