Jupiter Transit 2023: 22 अप्रैल को गुरु करेंगे गोचर, कन्या राशि को मिलेंगे ये शुभ फल

punjabkesari.in Wednesday, Feb 22, 2023 - 06:05 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Jupiter Transit गुरु का राशि परिवर्तन: 2023 में गुरु का गोचर मेष राशि में होगा फिलहाल गुरु अभी मीन राशि में हैं। 22 अप्रैल को गुरु राशि परिवर्तन करेंगे और मेष राशि में गोचर करेंगे लेकिन ये गोचर अस्त अवस्था में होगा क्योंकि 30 मार्च के आसपास गुरु अस्त हो जाएंगे और 30 अप्रैल को दोबारा उदय होंगे। 30 अप्रैल को उदय होने के बाद गुरु 4 सितंबर को वक्री हो जाएंगे और 31 दिसंबर को पुन: मार्गी होंगे। कुंडली में 12 में से 9 घरों  के ऊपर गुरु का प्रभाव पड़ता है। सबसे पहले गुरु दूसरे, पांचवें, नौवें और ग्यारहवें घर के कारक ग्रह हैं। दूसरा घर धन स्थान होता है। पांचवें घर से संतान देखी जाती है। नौवां भाग्य स्थान होता है और ग्यारहवां भाव आय का स्थान होता है। गुरु इन चारों भावों के कारक होते हैं। कुंडली में मीन और धनु राशि गुरु की होती है और गुरु की तीन दृष्टियां होती हैं। इस वजह से गुरु का गोचर बहुत ही मायने रखता है।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें  

कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों के लिए ये गोचर फिलहाल शुभ हो रहा है। गुरु सप्तम भाव से गोचर कर रहे हैं लेकिन ये स्थिति अब नहीं रहेगी। कन्या राशि के लोगों के लिए गुरु दो राशि के स्वामी बनते हैं चौथा भाव और सप्तम भाव। चौथे भाव में गुरु की धनु राशि है और सप्तम भाव में गुरु की मीन राशि है। अब ये गोचर शुभ नहीं रहेगा क्योंकि गुरु अष्टम भाव से गोचर करेंगे। यदि आपकी कुंडली में महादशा या अंतर्दशा भी चल रही है तो गुरु के शुभ फलों में हानि हो जाएगी।

गुरु जब अष्टम में गोचर करेंगे तो पांचवी दृष्टि से गुरु बारहवें भाव को देखेंगे। जब गुरु बारहवें भाव को देखेंगे। बारहवां भाव विदेश यात्रा, स्लीपिंग डिसऑर्डर का भाव है। जो छात्र विदेश जानें की चाह रखते हैं तो उनके लिए बाहर जाने के मार्ग खुल सकते हैं क्योंकि अष्टम भाव में जब गुरु का गोचर है तो वो बारहवें भाव को सक्रीय कर रहे हैं पांचवी दृष्टि से। यदि खर्चे बहुत ज्यादा हो रहे हैं तो इनके ऊपर लगाम लग सकती है। सेहत से जुड़ी कोई समस्या भी हल हो सकती है। गुरु जब अष्टम में बैठते हैं तो दूसरे भाव को सातवीं दृष्टि के साथ देखते हैं। दूसरा भाव धन स्थान है, कुटुंब का भाव है, मुंह से जुड़ी समस्या का भाव है। इस फल से संबंधित फल देखने को मिल सकते हैं। यदि परिवार के साथ कोई गलतफहमी हो रही है तो गुरु के प्रभाव से ये भी ठीक हो जाएगी।

धन की सेविंग में भी तेजी देखने को मिल सकती है, अगले एक साल तक। स्मोकिंग, ड्रिंकिंग छोड़ने का भी प्लान बना सकते हैं।

यदि कोई मकान या गाड़ी खरीदना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर जब गुरु अष्टम में बैठेंगे तो चौथे भाव को भी सक्रीय करेंगे। चौथे भाव में गुरु की अपनी राशि भी पड़ीं हुई है। इससे आपको बहुत फायदा देखने को मिल सकता है।

कन्या राशि के जातकों के लिए ये फल काफी मिलाजुला रहने वाला है।

नरेश कुमार
https://www.facebook.com/Astro-Naresh-115058279895728

PunjabKesari kundli


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News