June Vivah Muhurat 2025: जून में विवाह के लिए 4 दिन शुभ, इन मुहूर्तों में बरसेगा लक्ष्मी-नारायण का आशीर्वाद
punjabkesari.in Sunday, Jun 01, 2025 - 07:04 AM (IST)

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June Vivah Muhurat 2025: हिंदू धर्म में विवाह केवल एक सामाजिक रस्म नहीं, बल्कि दो आत्माओं के पवित्र बंधन का पर्व है। यह एक ऐसा अवसर होता है जिसे शुभ समय यानी विवाह मुहूर्त में संपन्न करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है। सही मुहूर्त में शादी करने से न केवल वैवाहिक जीवन में प्रेम और समर्पण बना रहता है, बल्कि दांपत्य जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है। 2025 के जून माह की बात करें, तो इस पूरे महीने में केवल 4 शुभ विवाह मुहूर्त ही उपलब्ध हैं। यह मुहूर्त न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से उत्तम हैं बल्कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन दिनों में विवाह करने से लक्ष्मी-नारायण का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। जून 2025 में कई ऐसे संयोग बन रहे हैं जिसके कारण केवल चार दिन ही शुभ माने गए हैं।
जून में विवाह मुहूर्त कम क्यों हैं ?
जून 2025 की शुरुआत शादी के इच्छुक लोगों के लिए शुभ संकेत लेकर आ रही है क्योंकि महीने के पहले कुछ दिनों में ही कुछ उत्तम विवाह मुहूर्त मिल रहे हैं। लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि पूरे जून में कभी भी शादी की तारीख चुन सकते हैं, तो ऐसा नहीं है। दरअसल, 10 जून के बाद बृहस्पति ग्रह अस्त हो जाएंगे, और जब तक यह ग्रह अस्त रहते हैं, तब तक वैवाहिक जैसे मांगलिक कार्यों को शुभ नहीं माना जाता। इसलिए 6 जुलाई तक विवाह जैसे कार्यक्रम टालना ही उचित होगा। इसके साथ ही एक और ज्योतिषीय कारण है 7 जून से गुरु वार्धक्य दोष और 9 जुलाई तक बाल्यत्व दोष का प्रभाव रहेगा। इन दोषों के चलते भी विवाह जैसे शुभ कार्यों को करना वर्जित माना गया है, क्योंकि इनका प्रभाव वैवाहिक जीवन की स्थिरता और सुख को प्रभावित कर सकता है।
विवाह तिथियां
1 जून 2025, रविवार- रात्रि 9:37 के बाद
2 जून 2025, सोमवार- प्रातः 08:21 बजे से रात्रि 08:34 बजे तक
4 जून 2025, बुधवार- प्रातः 08:29 बजे से 5 जून , प्रातः 05:23 बजे तक
7 जून 2025, शनिवार- प्रातः 09:40 बजे से प्रातः 11:18 बजे तक
यह दिन शादी जैसे वैवाहिक समारोहों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। जो भी लोग अपने दांपत्य जीवन की शुरुआत करना चाहते हैं, उनके लिए जून महीने में यह तारीख सबसे उपयुक्त होगी। इसके बाद जून महीने में किसी और दिन विवाह के लिए शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं होंगे। हालांकि, अलग-अलग क्षेत्रीय पंचांगों में विवाह के मुहूर्तों की तिथियों में कुछ भिन्नता देखी जा सकती है, इसलिए स्थानीय पंचांग को भी अवश्य देखा जाना चाहिए।