June 2025 Vrat Tyohar: पूजा-पाठ के लिए रहें तैयार, जून 2025 में हैं कई खास व्रत-त्योहार, यहां देखें पूरी लिस्ट
punjabkesari.in Thursday, May 29, 2025 - 07:00 AM (IST)

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June Vrat Tyohar 2025: जून 2025 का महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद खास रहने वाला है। इस माह में कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे, जिनमें गंगा दशहरा, गुप्त नवरात्रि, निर्जला एकादशी, योगिनी एकादशी, प्रदोष व्रत, संकष्टी चतुर्थी, पूर्णिमा व्रत आदि शामिल हैं। इन पर्वों का विशेष धार्मिक महत्व है और इनसे जुड़ी पूजा-पद्धति, नियम व कथा का पालन करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
आइए जानते हैं जून 2025 में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट और उनका महत्व—
स्कंद षष्ठी- 1 जून 2025
गंगा दशहरा- 5 जून 2025
निर्जला एकादशी- 6 जून 2025
प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)- 8 जून 2025
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत- 10 जून 2025
ज्येष्ठ पूर्णिमा- 11 जून 2025
संकष्टी चतुर्थी- 14 जून 2025
मिथुन संक्रांति- 15 जून 2025
योगिनी एकादशी- 21 जून 2025
मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)- 23 जून 2025
आषाढ़ अमावस्या- 25 जून 2025
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुरू- 26 जून 2025
जगन्नाथ रथ यात्रा- 27 जून 2025
5 जून 2025- गंगा दशहरा
गंगा दशहरा का पर्व गंगा नदी के धरती पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व होता है। कहते हैं इस दिन गंगा स्नान से दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। वार और तिथि के अनुसार, यह दिन और भी अधिक शुभ बनता है।
6 जून 2025- निर्जला एकादशी
यह एकादशी व्रतों में सबसे कठिन मानी जाती है क्योंकि इसमें जल तक का सेवन नहीं किया जाता। इस दिन बिना जल के व्रत रखने से सभी एकादशी व्रतों का फल एक साथ प्राप्त होता है। भीमसेन ने इस व्रत को किया था, इसलिए इसे भीम एकादशी भी कहा जाता है।
8 जून 2025- प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित होता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को आता है और जब यह शुक्रवार को हो, तो शुक्र प्रदोष कहलाता है। इस दिन व्रत व पूजा से सुख-शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
14 जून 2025, शुक्रवार - संकष्टी चतुर्थी
भगवान गणेश को समर्पित संकष्टी चतुर्थी का दिन विघ्नहर्ता की कृपा पाने के लिए खास होता है। इस दिन चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोला जाता है और भगवान गणेश से जीवन की बाधाओं को दूर करने की प्रार्थना की जाती है।
23 जून 2025- मासिक शिवरात्रि
यह हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है। इस दिन भगवान शिव की रात्रि में विशेष पूजा की जाती है। उपवास, रात्रि जागरण और शिवलिंग पर जलाभिषेक का विशेष महत्व है।
25 जून 2025- आषाढ़ अमावस्या
अमावस्या तिथि पितरों की शांति के लिए विशेष मानी जाती है। इस दिन तर्पण, दान-पुण्य और पितृ पूजा करने से पितृ दोष दूर होता है। साथ ही यह दिन पीपल वृक्ष की पूजा और कथा श्रवण के लिए शुभ है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि शुरू- 26 जून 2025
गुप्त नवरात्रि देवी दुर्गा के साधकों के लिए बेहद खास समय होता है। यह समय तांत्रिक साधना, मंत्र सिद्धि और गुप्त पूजा के लिए जाना जाता है। नौ दिनों तक विशेष पूजा, उपवास और साधना की जाती है। यह पर्व आंतरिक शक्ति जागरण का प्रतीक है।