जीवित्पुत्रिका व्रत: जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्, पारण समय व पूजन विधि

punjabkesari.in Saturday, Sep 17, 2022 - 06:13 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
प्रत्येक वर्ष अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका का व्रत रखा जाता है। इसे जितिया व्रत के भी नाम से जाना जाता है। बता दें कि ये व्रत कठिन व्रतों में एक होता है। इस व्रत में अन्न-जल का त्याग कर माताएं संतान की दीर्घायु, आरोग्य और सुखमय जीवन की कामना के लिए व्रत रखती हैं। वहीं इस बार जीवित्पुत्रिका व्रत को लेकर लोगों में कंफ्यूजन बना हुआ है। कि व्रत 17 सितंबर या 18 सितंबर कब है?
PunjabKesari Jivitputrika Vrat, Jivi putrika Vrat 2022, Jivi putrika Vrat 2022 Date, Jivi putrika Vrat 2022, Shubh Muhurat, Jivi putrika Vrat 2022 Pujan Vidhi, जीवित्पुत्रिका व्रत, जीवित्पुत्रिका व्रत 2022,  Jivit putrika Vrat Pujan, Dharm
तो आज की हम आपके इस कंफ्यूजन दूर करते हुए जीवित्पुत्रिका व्रत की सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पारण समय व पूजन विधि के बारे में पूरी जानकारी देंगे। तो चलिए शुरू करते हैं-

हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की अष्टमी तिथि का आरंभ 17 सितंबर को दोपहर 02 बजकर 14 मिनट पर होगा। और इसका समापन 18 सितंबर को शाम 04 बजकर 32 मिनट पर होगा।. ऐसे में उदया तिथि 18 सितंबर को है। तो जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर दिन रविवार को रखा जाएगा। वहीं 19 सितंबर, दिन सोमवार को शुभ मुहूर्त में इसका पारण किया जाएगा।

चलिए अब आपको बताते हैं जीवित्पुत्रिका व्रत पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में-
बता दें कि इस दिन का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। वहीं इस दिन का लाभ व अमृत मुहूर्त सुबह 09 बजकर 11 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। और प्रदोष काल का उत्तम मुहूर्त शाम 06 बजकर 23 मिनट से रात 07 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।
PunjabKesari Jivitputrika Vrat, Jivi putrika Vrat 2022, Jivi putrika Vrat 2022 Date, Jivi putrika Vrat 2022, Shubh Muhurat, Jivi putrika Vrat 2022 Pujan Vidhi, जीवित्पुत्रिका व्रत, जीवित्पुत्रिका व्रत 2022,  Jivit putrika Vrat Pujan, Dharm

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
PunjabKesari
जानकारी के लिए बता दें कि जीवित्पुत्रिका व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है। प्रदोष काल में गाय के गोबर से पूजा स्थल को लेपकर स्वच्छ किया जाता है और एक छोटा सा तालाब बनाया जाता है। आप तालाब के निकट जाकर भी पूजा कर सकते हैं। इस व्रत में शालिवाहन राजा के पुत्र धर्मात्मा जीमूतवाहन की पूजा की जाती है। इसलिए जीमूतवाहन की कुश निर्मित मूर्ति को जल या फिर मिट्टी के पात्र में स्थापित किया जाता है। इसके बाद पीले और लाल रुई से उन्हें सजाया जाता है। धूप, दीप, अक्षत, फूल, माला जैसी पूजा सामग्रियों के साथ उनका पूजन किया जाता है। इसके बाद महिलाएं संतान की दीर्घायु और उनकी प्रगति के लिए बांस के पत्तों से पूजा करती हैं। पूजा में जीवित्पुत्रिका की व्रत कथा जरूर पढ़ें। इसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित कर व्रत का पारण नवमी के दिन करें।
PunjabKesari Jivitputrika Vrat, Jivi putrika Vrat 2022, Jivi putrika Vrat 2022 Date, Jivi putrika Vrat 2022, Shubh Muhurat, Jivi putrika Vrat 2022 Pujan Vidhi, जीवित्पुत्रिका व्रत, जीवित्पुत्रिका व्रत 2022,  Jivit putrika Vrat Pujan, Dharm
चलिए अब जानते व्रत पारण के शुभ समय के बारे में-
पंचांग के अनुसार, पारण का अमृत मुहूर्त सुबह 06 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। और शुभ उत्तम मुहूर्त सुबह 09 बजकर 11 मिनट से 10 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। पौराणिक मान्यताओं के इस व्रत को करने से संतान को दीर्घ आयु, आरोग्य और सुखी जीवन प्राप्त होता है। इस व्रत में पानी व अन्न का त्याग किया जाता है। इसलिए यह निर्जला व्रत कहलाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Related News