Jaya Ekadashi 2025: आप भी रख रहे हैं जया एकादशी व्रत, ये है शास्त्रीय पूजा विधि और नियम
punjabkesari.in Sunday, Feb 02, 2025 - 02:03 PM (IST)
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Jaya Ekadashi 2025: जया एकादशी हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। वर्ष 2025 में यह तिथि 8 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी। इसे विशेष रूप से श्री विष्णु के व्रत के रूप में मनाने का महत्व है और यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण एकादशी है। जया का अर्थ होता है विजय और इस दिन का व्रत भक्तों को मानसिक और आत्मिक विजय प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन खास तौर पर उन लोगों के लिए उपयुक्त माना जाता है, जो जीवन में किसी कठिनाई या संकट से गुजर रहे हैं।
Jaya Ekadashi puja vidhi जया एकादशी पूजा विधि:
उबटन और स्नान: जया एकादशी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। यह दिन शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक होता है, इस कारण शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से शुद्ध होने का महत्व है।
जया एकादशी व्रत का संकल्प: इस दिन व्रत का संकल्प लें। खास बात यह है कि इस दिन व्रती को दिन भर निराहार रहना होता है और व्रत के दौरान वे केवल फल, दूध या अन्य हल्का आहार ले सकते हैं लेकिन अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए।
भगवान विष्णु का पूजन: इस दिन भगवान श्री विष्णु की विशेष पूजा करनी चाहिए। सबसे पहले उनकी तस्वीर या मूर्ति को शुद्ध जल से स्नान कराकर अच्छे से सजाएं। फिर उन्हें फूल, तुलसी की पत्तियां, फल और दीपक अर्पित करें। श्री विष्णु की 108 बार "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जाप करें।
व्रती कथा का श्रवण: इस दिन व्रती कथा का श्रवण बहुत लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा यदि संभव हो तो रात्रि में भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें।
तुलसी के पत्ते अर्पित करें: इस दिन तुलसी के पत्तों का भगवान विष्णु को अर्पित करना बहुत पुण्यकारी माना जाता है। तुलसी का महत्व अत्यधिक है क्योंकि यह भगवान विष्णु की प्रिय देवी मानी जाती हैं।
प्रसाद वितरण: पूजा के बाद भगवान श्री विष्णु का प्रसाद सभी को वितरित करें और विशेष रूप से गरीबों और जरूरतमंदों को दूध और फलों का दान करें।