Janmashtami Decorations as per Vastu: जन्माष्टमी पर सकारात्मक तरंगों को करें आमंत्रित, वास्तु अनुसार करें घर की सजावट
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 06:42 AM (IST)

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Krishna janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर घर सजाना केवल सौंदर्य के लिए नहीं, बल्कि शुभ ऊर्जा और सकारात्मक तरंगों को आमंत्रित करने का एक माध्यम है। अगर इसमें वास्तु शास्त्र का ध्यान रखा जाए तो यह सजावट आध्यात्मिक और ऊर्जात्मक रूप से और भी प्रभावी बन जाती है।
Janmashtami Decorations as per Vastu वास्तु अनुसार जन्माष्टमी की सजावट
पूजा स्थान की दिशा
कृष्ण जी के बाल रुप अथवा उनके चित्र की स्थापना उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में करें, यह आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। मूर्ति या झूला ऐसा रखें कि भगवान का मुख पूर्व या पश्चिम की ओर हो और भक्त का मुख विपरीत दिशा में रहे।
रंगों का चयन
जन्माष्टमी पर पीला, सुनहरा, सफेद और हल्का नीला रंग मुख्य रखें, ये कृष्ण के वस्त्र और आभा से जुड़े हैं। वास्तु में पीला रंग ज्ञान, शांति और धन का प्रतीक है, नीला भक्ति और अनंतता का प्रतिनिधित्व करता है।
झूला और सजावट सामग्री
झूला लकड़ी या पीतल का हो तो बेहतर है।
झूले के नीचे अष्टदल कमल का चित्र या रंगोली बनाएं, यह ऊर्जा को केंद्रित करता है।
झूले को तुलसी, मोर पंख और फूलों से सजाएं। तुलसी शुद्धि और मोर पंख नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करते हैं।
प्रकाश व्यवस्था
जन्माष्टमी की रात दीपक और मोमबत्तियों को दक्षिण-पूर्व (अग्नि कोण) में रखें। इससे घर में सकारात्मकता और गर्माहट बनी रहती है।
पूजा स्थल पर घी का दीपक रखें, यह वास्तु में सबसे पवित्र माना जाता है।
जल और ध्वनि तत्व
भगवान के पास छोटा जल कलश या शंख में जल रखें, जल तत्व शांति और जीवनदायिनी ऊर्जा लाता है।
बांसुरी की ध्वनि या मृदंग की हल्की ताल वातावरण को आध्यात्मिक बनाती है।
फूल और पौधे
वास्तु में तुलसी का पौधा उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना शुभ है। सजावट में मालती, चमेली, मोगरा और गेंदा के फूल प्रयोग करें, ये वातावरण को सुगंध और शुद्धता देते हैं।
मुख्य द्वार की सजावट
प्रवेश द्वार पर आम और अशोक पत्तों का तोरण लगाएं, यह नकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकता है।
मुख्य द्वार के दोनों ओर दीपक जलाएं, यह स्वागत और शुभता का प्रतीक है।