Inspirational Story: इस कहानी में छुपा है जीवन को सार्थक बनाने का सबसे आसान तरीका
punjabkesari.in Sunday, Nov 02, 2025 - 06:00 AM (IST)
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Inspirational Story: एक बालक को पुस्तकें पढ़ना बहुत पसंद था। दुर्भाग्यवश उसकी एक आंख खराब थी इसलिए ज्यादा पढ़ने के कारण एक आंख पर अतिरिक्त भार पड़ता था। इसके कारण उसकी दूसरी आंख में भी लगातार दर्द की शिकायत रहने लगी। डाक्टर ने बालक की दूसरी आंख खराब होती देख उसे पढ़ने-लिखने से मना कर दिया और कहा, “यदि तुमने पढ़ना-लिखना नहीं छोड़ा तो वह दिन दूर नहीं जब तुम्हारी दूसरी आंख भी बिल्कुल खराब हो जाएगी।”

डॉक्टर की बात सुनकर भी बालक ने लिखना-पढ़ना बंद नहीं किया। परिवार वालों के बहुत जोर देने पर वह बोला, “मैं पढ़ना-लिखना तब छोड़ूंगा जब मुझे कोई प्रतिदिन पुस्तकों को पढ़कर सुनाता रहेगा।” परिवार वाले बालक की इस बात पर सहमत हो गए। अब बालक इसी तरह पढ़ने लगा। परिवार वाले उसे पुस्तकें पढ़कर सुनाते और वह उन्हें याद करता जाता। उसने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति व संकल्प से एम.ए. की परीक्षा पास कर ली।

बालक सिर्फ एम.ए. करने तक ही नहीं रुका, अपितु उसने अनेक पुस्तकें भी लिखीं। वह अपने विचार दूसरों से लिखवाता था और जब उसका लिखा विषय पुस्तक में छपवाने के लायक हो जाता था तो उसकी पुस्तक छप जाती थी। इस प्रकार ऐसे ही उसने अनेक पुस्तकें लिखीं जिनमें जीवन को हर हाल में सकारात्मक नजरिए व आनंदमय तरीके से जीने के तरीके सहज रूप में बताए गए थे।
वह बालक आगे चलकर फ्रांस का मशहूर दार्शनिक ज्यां पाल सार्त्र बना। सार्त्र ने अपने कठिनाई भरे जीवन में उच्चतम मंजिल हासिल कर लोगों को यह सीख दी कि जीवन का दूसरा नाम समस्या है। इसलिए हर समस्या को जीवन का अंग मानकर और उसके हल खोजकर आगे बढ़ना जीवन की सार्थकता है।

