Inspirational Story: कम पैसों में अमीर बनना चाहते हो तो अवश्य पढ़ें यह कहानी

punjabkesari.in Wednesday, Jul 23, 2025 - 07:00 AM (IST)

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Inspirational Story: राजा भोज वन में शिकार करने गए लेकिन घूमते हुए वह अपने सैनिकों से बिछुड़ गए। वह एक वृक्ष के नीचे बैठकर सुस्ताने लगे। तभी उनके  सामने से एक लकड़हारा सिर पर बोझा उठाए गुजरा। वह अपनी धुन में मस्त था। 

उन्होंने लकड़हारे को रोककर पूछा, “तुम कौन हो ?” लकड़हारे ने कहा, “मैं अपने मन का राजा हूं।”

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भोज ने पूछा, “अगर तुम राजा हो तो तुम्हारी आमदनी भी बहुत होगी। कितना कमाते हो ?” लकड़हारा बोला, “मैं 6 स्वर्ण मुद्राएं रोज कमाता हूं और आनंद से रहता हूं।”

राजा भोज ने पूछा कि तुम इन मुद्राओं को खर्च कैसे करते हो ? लकड़हारे ने उत्तर दिया कि मैं प्रतिदिन एक मुद्रा अपने ऋणदाता को देता हूं। वह हैं मेरे माता-पिता। उन्होंने मुझे पाल-पोस कर बड़ा किया, मेरे लिए हर कष्ट सहा। दूसरी मुद्रा मैं अपने ग्राहक को देता हूं, वह हैं मेरे बालक। मैं उन्हें यह ऋण इसलिए देता हूं ताकि मेरे बूढ़े हो जाने पर वह मुझे इसे लौटाएं।

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तीसरी मुद्रा मैं अपने मंत्री को देता हूं। भला पत्नी से अच्छा मंत्री कौन हो सकता है, जो राजा को उचित सलाह देता है, सुख-दुख का साथी होता है। चौथी मुद्रा मैं बचाकर रखता हूं ताकि वह मेरे बुरे वक्त में काम आए। पांचवीं मुद्रा का उपयोग स्वयं के खाने-पीने पर खर्च करता हूं क्योंकि मैं अथक परिश्रम करता हूं। छठी मुद्रा मैं अतिथि सत्कार के लिए सुरक्षित रखता हूं क्योंकि अतिथि कभी भी किसी भी समय आ सकता है। राजा भोज सोचने लगे, मेरे पास तो लाखों मुद्राएं हैं पर जीवन के आनंद से वंचित हूं।

लकड़हारा जाने लगा तो बोला, “राजन मैं पहचान गया था कि आप राजा भोज हो पर मुझे तुमसे क्या सरोकार ?” 

लकड़हारे का जवाब सुनकर राजा भोज दंग रह गए।

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Content Editor

Prachi Sharma

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