Inspirational Story: होनहार बिरवान के होत चीकने पात
punjabkesari.in Monday, Sep 04, 2023 - 07:52 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
यूनान देश के एक गांव का लड़का जंगल में लकड़ियां काटकर शाम को पास वाले शहर के बाजार में बेचकर अपना गुजारा करता था। एक दिन एक विद्वान व्यक्ति बाजार से जा रहा था। उसने देखा कि उस बालक का गट्ठर बहुत ही कलात्मक रूप से बंधा है।
उसने उस लड़के से पूछा, “क्या यह गट्ठर तुमने बांधा है?
लड़के ने जवाब दिया, “जी हां, मैं दिनभर लकड़ियां काटता हूं, स्वयं गट्ठर बांधता हूं और रोज शाम को इसे बाजार में बेचता हूं।”
विद्वान ने कहा कि, “क्या तुम इसे खोलकर इसी प्रकार दोबारा बांध सकते हो”
जी हां ! इतना कह कर लड़के ने गट्ठर खोला तथा बड़े ही सुन्दर तरीके से उसे पुन: बांध दिया। यह कार्य वह बड़ी लगन के साथ कर रहा था।
लड़के के काम करने का तरीका देख उस व्यक्ति ने कहा, “क्या तुम मेरे साथ चलोगे?
मैं तुम्हें शिक्षा दिलाऊंगा और तुम्हारा सारा खर्च वहन करूंगा”
बालक ने सोच-विचार कर अपनी स्वीकृति दे दी और उसके साथ चला गया। उस व्यक्ति ने बालक के रहने और उसकी शिक्षा का प्रबंध किया। वह स्वयं भी उसे पढ़ाता था। थोड़े ही समय में उस बालक ने अपनी लगन तथा कुशाग्र बुद्धि के बल पर उच्च शिक्षा हासिल कर ली। बड़ा होने पर यही बालक यूनान के महान दार्शनिक पाइथागोरस के नाम से प्रसिद्ध हुआ। वह भला आदमी, जिसने बालक के भीतर पड़े महानता के बीज को पहचान कर उसे पल्लवित किया, वह था यूनान का विख्यात तत्व ज्ञानी डैमोक्रीटस।