Inspirational Context: मुश्किल से मुश्किल काम भी हो जाएगा आसान, बस अपनाना होगा ये Formula
punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 07:00 AM (IST)

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Inspirational Context: एक राज्य में भयंकर अकाल पड़ गया, जिसके कारण राजा को बहुत नुकसान का सामना करना पड़ा। जनता से कर मिलना बंद हो गया। राजा इस बात से चिंतित रहने लगा कि व्यय को कैसे कम किया जाए ताकि राज्य का काम बिना किसी परेशानी के चलता रहे। साथ ही राजा इस चिंता में भी था कि भविष्य में अगर फिर ऐसा अकाल पड़ गया तो पड़ोसी देश के राजा हमला भी कर सकते हैं। इन सभी चिंताओं की वजह से राजा को नींद भी नहीं आ रही थी और न ही उन्हें भूख लगती थी।
राजगुरु को इसका पता चला तो उन्होंने राजा से कहा-अगर तुम वाकई मुझे अपना गुरु मानते हो तो यह राजपाट मुझे सौंप दो, तुम महल में रहो, सिंहासन पर बैठो और एक कर्मचारी की भांति मेरे राज्य का ध्यान रखो। मैं तो साधु हूं और आश्रम में ही रहूंगा लेकिन तुम्हें मेरे लिए यह काम करना होगा।
राजा ने उनकी बात मान ली और खुशी-खुशी एक कर्मचारी की भांंति राज्य का ध्यान रखने लगा। काम तो वही था लेकिन अब राजा किसी जिम्मेदारी या चिंता में लदा हुआ नहीं था। कुछ महीनों बाद उसके गुरु आए। उन्होंने राजा से पूछा-कहो तुम्हारी भूख और नींद का क्या हाल है ? राजा ने कहा कि मालिक अब खूब भूख लगती है और मैं चैन की नींद सोता भी हूं।
गुरु ने राजा को समझाया कि बदला कुछ भी नहीं है, जो काम पहले तुम्हारे लिए बोझ था वह अब तुम्हारा कर्तव्य बन गया था। हमें यह जीवन कर्तव्यों को पूरा करने के लिए मिला है। किसी चीज को अपने ऊपर बोझ की तरह लादने के लिए नहीं। चिंता करने से परेशानियां बढ़ती हैं इसलिए ज्यादा सोचना नहीं चाहिए।