Inspirational Context: अभिमान से दूर व स्वाभिमान से भरपूर है महात्मा गांधी के जीवन का यह प्रसंग
punjabkesari.in Monday, Nov 13, 2023 - 10:10 AM (IST)

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Mahatma Gandhi story: महात्मा गांधी आगा खां महल में नजरबंद थे। उनके मित्र रोज उनके लिए कुछ न कुछ भेंट लाते थे। एक दिन 10-12 साल का बालक मैले-कुचैले कपड़े पहने हुए आगा खां महल में पहुंचा और बापू को अपने हाथ से दो-तीन फल देने की जिद करने लगा। बापू ने उससे फल ले लिए और उसके बदले बच्चे को कुछ पैसे देने चाहे।
इस पर उस बालक ने कहा- बापू मैं भिखारी नहीं हूं, दिन भर मजदूरी कर मैंने जो कुछ पैसे बचाए थे। उन्हीं से ये फल खरीद कर लाया हूं।
बालक के शब्दों को सुन बापू बोले, “धन्य है वह मां जिसने तुम जैसे बालक को जन्म दिया। पैसे वाले मित्रों के फल तो मुझे रोज ही मिलते रहते हैं लेकिन असली मीठे फल तो मुझे आज ही मिले हैं।”
वही बालक बड़ा होकर डॉ. राम मनोहर लोहिया के नाम से प्रसिद्ध हुआ। लोहिया जी ने बापू के आदर्शों पर चलकर अपना सब कुछ देश के लिए न्यौछावर कर दिया।