Inspirational Context: हर भले आदमी को माननी चाहिए यूनानी दार्शनिक सुकरात की ये सीख

punjabkesari.in Monday, Apr 24, 2023 - 09:15 AM (IST)

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Inspirational Story: प्राचीन परम्पराओं की तुलना में विवेकशीलता का अधिक महत्वपूर्ण तरीके से प्रतिपादन करने वाले यूनानी दार्शनिक सुकरात को वहां के कानून के अनुसार मृत्युदंड की सजा दी गई। सुकरात के शिष्य अपने गुरु के प्राण बचाना चाहते थे। उन्होंने गुरु के जेल से भाग निकलने के लिए एक सुनियोजित योजना बनाई और उसके लिए सारा प्रबंध ठीक कर लिया।

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प्रसन्नता भरा समाचार देने और योजना को समझाने के लिए उनका एक शिष्य जेल में पहुंचा और सारी बात बताई। शिष्य को आशा थी कि प्राण रक्षा का प्रबंध देखकर उनके गुरु प्रसन्नता का अनुभव करेंगे।

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सुकरात ने ध्यानपूर्वक सारी बात सुनी और दुखी होकर कहा, ‘‘मेरे शरीर की अपेक्षा मेरा आदर्श ज्यादा श्रेष्ठ है। मैं मर जाऊं और मेरा आदर्श जीवित रहे तो वही उत्तम है। किन्तु यदि मैं आदर्शों को खोकर जीवित रह सका तो वह मृत्यु से भी कष्टकारक होगा। न तो मैं जेल कर्मचारियों को धोखा देकर उनके लिए विपत्ति का कारण बनूंगा और न ही जिस देश की प्रजा हूं, उसके कानूनों का उल्लंघन करूंगा। कर्तव्य मुझे प्राणों से अधिक प्रिय हैं।’’

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यह सुनकर शिष्यों को योजना रद्द करनी पड़ी। सुकरात ने हंसते हुए विष का प्याला पिया और मृत्यु का संतोषपूर्वक आलिंगन करते हुए कहा, ‘‘हर भले आदमी के लिए यही उचित है कि वह विपत्ति आने पर भी कर्तव्य से विचलित न हो।’’

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Content Writer

Niyati Bhandari

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