Inspirational Context: मारने वाला बड़ा कि बचाने वाला, पढ़ें भगवान बुद्ध की कथा
punjabkesari.in Tuesday, Jan 17, 2023 - 11:14 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Gautam Buddha Story: भगवान बुद्ध का बचपन का नाम सिद्धार्थ था। एक दिन वह बगीचे में टहल रहे थे कि अचानक एक हंस उड़ता हुआ जमीन पर आ गिरा। सिद्धार्थ ने देखा कि हंस को तीर लगा हुआ है। कष्ट से तड़पते हंस का दुख सिद्धार्थ से नहीं देखा गया।उन्होंने हंस को उठाकर तीर निकाला।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें
इतने में उनका चचेरा भाई देवदत्त आया और बोला, ‘‘भाई यह शिकार मेरा है, इसे मुझे दे दो।’’
‘‘सिद्धार्थ ने कहा भाई मैं इसे नहीं दूंगा।’’
देवदत्त ने सिद्धार्थ के पिता शुद्धोदन से शिकायत की और कहा, ‘‘इस हंस पर मेरा हक है। तीर मारकर मैंने इसे गिराया है।’’
सिद्धार्थ ने पिता जी से कहा, ‘‘आप ही फैसला कीजिए कि एक उड़ते हुए बेकसूर हंस पर तीर चलाने का उसे क्या अधिकार था? इसे क्यों घायल कर दिया?
मुझसे इस दुखी प्राणी का कष्ट नहीं देखा गया, इसलिए मैंने तीर निकाल कर इसका उपचार किया और इसके प्राण बचाए।’’
राजा शुद्धोदन ने दोनों की बात सुनकर फैसला दिया और कहा, ‘‘हंस पर अधिकार सिद्धार्थ का है, क्योंकि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है।’’